धरती की बेटियाँ अब चुप नहीं रहेंगी
जब गांव-गांव जाकर सरकार की योजनाओं को ज़मीन तक पहुंचाने वाली महिलाएं खुद ही शोषण का शिकार होने लगें, तो सवाल उठता है – क्या यही है "नारी सशक्तिकरण"?

जन एक्सप्रेस/जौनपुर: जौनपुर में बी.सी. सखी संघ ने महिला उत्थान समिति के नेतृत्व में आज ज़ोरदार मोर्चा खोला और छह सूत्रीय ज्ञापन के ज़रिए जिला प्रशासन को सीधी चेतावनी दी:
अब बहुत हुआ। अगर हमें न्याय नहीं मिला, तो शांतिपूर्ण आंदोलन का बिगुल बजेगा — और ये आवाज़ पूरे प्रदेश में गूंजेगी।
ये हैं बी.सी. सखियों की छह स्पष्ट और न्यायिक माँगें
1. समय पर और पूरा कमीशन — जिन्होंने दिन-रात मेहनत की, उन्हें उनका मेहनताना तुरंत दिया जाए।
2. मणिपाल कंपनी के कर्मचारी पर गंभीर आरोप — धन उगाही और अवैध कटौती की स्वतंत्र जांच और कड़ी कार्रवाई हो।
3. ID खुलवाने में बाधा समाप्त हो — शासन कहता है निःशुल्क, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है।
4. बैंकों में प्राथमिकता मिले — घंटों कतार में लगने वाली इन सखियों को काम करने दो, अपमान नहीं।
5. ब्लॉक स्तर पर ट्रेनिंग और सहायता टीम — सखियों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें मार्गदर्शन और संसाधन चाहिए।
6. छह माह से लंबित मानदेय — आधे साल से अटका मेहनताना कब मिलेगा? क्या घर चलाना आसान है?
हमारी मेहनत को मत आंकिए, हमारे हक़ को दीजिए!
बी.सी. सखियों का कहना है कि वे गांव-गांव जाकर वृद्ध, विधवा, विकलांग पेंशन से लेकर राशन, बैंकिंग और सरकारी योजनाएं लागू करने में कंधे से कंधा मिलाकर प्रशासन के साथ खड़ी रहीं — लेकिन जब बात भुगतान, पहचान और सम्मान की आती है, तो उन्हें टाल दिया जाता है।
क्या यही है ‘डिजिटल भारत’ की रीढ़ बनने वाली महिलाओं के साथ न्याय?
अब सवाल प्रशासन से
क्या इन आरोपों की तथ्यात्मक जांच होगी?
क्या भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई होगी?
क्या सखियों को मिलेगा उनका अधिकार?
हम डरने वाली नहीं — हम सखियाँ हैं!
बी.सी. सखी संघ की अध्यक्ष ने कहा:
हम लड़ेंगी — शांतिपूर्वक, लेकिन मजबूती से। हमारे पास सिर्फ एक मांग है — हमें हक़ चाहिए, एहसान नहीं!
अब पूरा जनपद देख रहा है प्रशासन की अगली चाल —
क्या सखियों की यह आवाज़ बदलाव लाएगी?
या फिर फिर एक बार फाइलों में दब जाएंगी ये दर्द भरी पुकारें
राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष मिश्रा जिला अध्यक्ष नेहा पटेल जिला संयोजक भूपेंद्र सिंह जिला उपाध्यक्ष संगीता देवी जिला महासचिव ममता सिंह कविता भारती आदि लोग उपस्थित थे






