केंद्र की ओर से सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे

मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार सख्ती से कदम उठा रही है। पिछले तीन दिनों से राज्य में कई जगहों पर तलाव की स्थिथि है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का भी बयान सामने आया है। किरेन रिजिजू ने पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हिंसा हुई है उसके लिए भारत सरकार और गृह मंत्रालय की तरफ से सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जब दो समुदाय के बीच में इस तरह की घटनाएं होती हैं तो बहुत दुख होता है। उन्होंने कहा कि हम अपने समाज को शांति से ही आगे ले जा सकते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि मणिपुर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई। इंफाल घाटी में शनिवार को दुकानें और बाजार फिर से खुलने और सड़कों पर कारों के चलने से जनजीवन सामान्य होता दिख रहा है। इंफाल शहर और अन्य जगहों पर सुबह ज्यादातर दुकानें और बाजार खुले और लोगों ने सब्जियां और अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदीं, हालांकि बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। राज्य में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई हिंसा पर काबू पाने एवं शांति कायम करने के लिए पड़ोसी राज्यों से सड़क और हवाई मार्ग से अधिक बल भेजे गए हैं। एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि कुल 13,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
कुछ लोगों को सेना के शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है जबकि सेना ने चुराचांदपुर, मोरेह, काकचिंग और कांगपोकपी जिलों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। हाालंकि, घाटी के आसपास के विभिन्न पहाड़ी जिलों से सुबह के समय उग्रवादी समूहों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी की खबरें भी आती रहीं, लेकिन शांति की स्थिति बनी हुई है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और शीर्ष अधिकारियों के साथ मिलकर मणिपुर की स्थिति की समीक्षा की।