दिल्ली/एनसीआर

बंग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी अलोकतांत्रिकः विहिप

नई दिल्ली । विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महा-मंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने मंगलवार को एक वीडियो जारी कर बांग्लादेश प्रशासन द्वारा वहां के इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे वहां के प्रशासन की कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक कार्रवाई बताया है।

उन्होंने कहा कि विहिप वहां के प्रशासन की इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करती है। इस्कॉन ने या अन्य हिंदू समाज के संगठनों ने अभी तक अपने उत्पीड़न के विरोध में लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया है। किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है।

बजरंग लाल बागड़ा ने आगे कहा कि इस प्रकार के पूर्ण शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्व को, जो एक वर्ग का भी नेतृत्व करते हैं, इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बंद करना, उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है, अमानवीय है और हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है।

बागड़ा ने कहा कि हम प्रारंभ से ही मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है, उसमें वामपंथी, इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने, वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी, जैसी रोक लगानी चाहिए थी, वैसी रोक नहीं लगाई गई है। विहिप पूरे विश्व समुदाय से यह अपेक्षा करती है कि वहां पर हो रहे घटनाक्रम को ध्यान से देखें, उसकी गंभीरता को समझें और बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए, सुरक्षा की जाए।

विहिप महामंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार का प्रति-उत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है। यह सही है कि एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है परंतु एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व, सारे पड़ोसी देश, भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है लेकिन लंबे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

विहिप का मानना है कि विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को संज्ञान में ले, बांग्लादेश प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के उत्पीड़न को रोका जाए। हम तुरंत प्रभाव से इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की रिहाई की मांग करते हैं और किसी भी प्रकार के हिंदू नेता को, हिंदू पुजारी को, धार्मिक गुरु को बिना किसी कारण के गिरफ्तार करने की किसी भी प्रकार की मानसिकता से बांग्लादेश सरकार बचे, यह अपेक्षा भी करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button