चित्रकूट में करोड़ों की लागत से बनेगा संस्कृति वन,धार्मिक महत्व के पौधे होंगे खास

स्पेशल रिपोर्ट -सचिन वन्दन
जन एक्सप्रेस संवाददाता | चित्रकूट
चित्रकूट में संस्कृति वन बनने का रास्ता साफ हो गया है। चित्रकूट को अब गुजरात के संस्कृति वन की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसका चयन वन विभाग की संस्कृति वन परियोजना के लिए किया गया है। चित्रकूट में बन रहे संस्कृति वन को “राम वन”का नाम दिया गया है, जबकि खजुराहो और उज्जैन में बन रहे वन को संस्कृति वन के नाम से जाना जाएगा। मध्य प्रदेश के वनपरिक्षेत्र चित्रकूट मे 10 करोड़ की लागत से बनने वाला संस्कृति वन 8 हेक्टेयर के बड़े क्षेत्र में बनेगा। चित्रकूट के रजौला में यह वन आकार रूप लेगा। संस्कृति वन में रामायण, धार्मिक महत्व से जुड़े चित्र, धार्मिक महत्व वाले पौधे और त्रेतायुगीन वृतांतों को प्रदर्शित किया जाएगा। भगवान श्री राम के वनवास काल के दौरान के रामायण का वृत्तांत चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। भगवान राम से जुड़ी तमाम कलाकृतियों की भी यहां संजोया जाएगा, ताकि दर्शनार्थियों को एक स्थान पर श्री राम से जुड़ी स्मृतियां देखने को मिल सके। संस्कृति वन बनकर तैयार होने में तकरीबन 10 साल का समय लगेगा। भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार सांस्कृतिक वन स्थापना के तैयारी में है।सांस्कृतिक वन बनाने का उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना है। जिसमें वनों और पौधों की देखभाल आम आदमी की धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ होगी। इससे पर्यावरण में जहां सुधार होगा वहीं लोगों की धार्मिक मान्यताएं भी पूरी होंगी।
रामलला वाटिका में रोपे जाएंगे धार्मिक पौधे
सांस्कृतिक वन के अंदर एक वाटिका तैयार की जाएगी,जिसका नाम रामलला वाटिका रखा जाएगा। जिसमें धार्मिक ग्रंथों में वर्णित वृक्षों के 100 से अधिक प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। भगवान श्री राम,सीता व लक्ष्मण द्वारा धार्मिक महत्व वाले तकरीबन 4 हजार पौधे लगाए जाएंगे। जिनका उल्लेख रामायण में मिलता है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश के बाद उन पौधों के तैयार करने की प्रक्रिया तेज होगी।
चित्रकूट में 8 हेक्टेयर के बड़े भू-भाग में संस्कृति वन बनाने की स्वीकृति शासन द्वारा मिल गई है।संस्कृति वन का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। विपिन पटेल, डीएफओ सतना