समीक्षा बैठक में मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने दिए महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाएं लगाने के निर्देश
देहरादून । राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सभी राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय और उनके परिसरों के भवनों में सोलर पैनल लगाये जाएंगे ताकि बिजली पर आने वाले खर्च को कम कर उसका सदुपयोग अध्ययन संबंधित कार्यों एवं छात्रहित में किया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया में समस्याओं को देखते हुए महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. रावत रविवार को अपने शासकीय आवास पर उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उन्होंने कहा कि ग्रीन कैंपस की अवआरणा को धरातल पर उतारने के लिये सभी राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और उनके परिसरों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं। इसके लिए उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों का शीघ्र सर्वे कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा। मंत्री ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों में सोलर रूफटॉप स्थापित कर इको फ्रेंडली बनाया जाएगा। जिससे विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में बिजली के बिल को कम से कम कर उसका सदुपयोग शिक्षण संबंधी कार्यों एवं छत्रहित में किया जाएगा।
डॉ. रावत ने समर्थ पोर्टल के माध्यम से स्नातक व परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश को लेकर आ रही व्यावहारिक दिक्कतों को शीघ्र दूर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन में कोई दिक्कतें नहीं आएगी, इसके लिए महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन किया जाएगा।
मंत्री डॉ रावत ने उच्च शिक्षा में क्वालिटी एजूकेशन को बढ़ावा देने को लेकर सभी राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नैक व एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए अनिवार्य रूप से आवेदन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली रैंकिंग में सूबे के सभी शिक्षण संस्थानों को प्रतिभाग करना जरूरी है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर किया जा सके।
मंत्री ने प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय परिसरों में फर्नीचर, खेल सामग्री, कम्प्यूटर, स्मार्ट क्लास, ई-बोर्ड, प्रयोगशाला व आवश्यक उपकरण, विद्युत, पेयजल व्यवस्था व शौचालय आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये ताकि छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में कोई समस्या न आए।