उपज के लिए सही समय पर बुआई किया जाना जरूरीः डॉ ओंकार नाथ

रांची । बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि फसल उत्पादन में बेहतर उपज के लिए सही समय पर रोपाई या बुआई किया जाना जरूरी है। उन्होंने बारिश में कमी के बावजूद धान की रोपाई के लिए वैज्ञानिकों के प्रयास की सराहना की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में धान की रोपाई का आदर्श समय जुलाई है। प्रदेश में बारिश में कमी और विषम मौसम की परिस्थिति को देखते हुए किसान कम अवधि या मध्यम अवधि वाले धान प्रभेद का चयन करें। उन्होंने किसानों को ऊपरी जमीन की परती खेत में धान फसल को छोड़कर अरहर, उरद, मूंग, मडुआ, ज्वार आदि की बोवाई मेढ़ बनाकर जल्द से जल्द समाप्त करने की सलाह दी।
बीएयू के निदेशालय बीज एवं प्रक्षेत्र के नार्थ ईस्टर्न फार्म में सोमवार को कुलपति की मौजूदगी में बीजोत्पादन कार्यक्रम के तहत चार एकड़ भूमि में पहली धान रोपनी शुरू की गयी। उन्होंने वर्तमान खरीफ मौसम में वर्षापात की विषम स्थिति को देखते उपलब्ध सिंचाई साधनों का सदुपयोग करते हुए ससमय धान रोपनी एवं अन्य खरीफ फसलों की बुआई पूरा करने का निर्देश दिया। इसमें धान की स्वर्ण शक्ति प्रभेद के आधार बीज के 20-25 दिन वाली बिचड़े की रोपाई की गयी। 125 दिनों की अवधि वाली स्वर्ण शक्ति प्रभेद की उपज क्षमता 42 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
मौके पर मौजूद शस्य वैज्ञानिक डॉ आरपी मांझी ने बताया कि फार्म के इस भूमि में धान कार्यक्रम के अधीन धान की रोपाई की जायेगी। इस कार्यक्रम में धान की स्वर्ण श्रेया, सीक्षार धान-320, एमपी 10-10 सहभागी बीबीएस -1 एवं एमपीवी 70-29 (स्व) के आधार बीज से तैयार बिचड़े की रोपाई की जाएगी।