धर्म

जानिए किन राशियों पर होगा इसका असर

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हिंदू ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव को विलासिता, प्रेम, वैभव और सुख शांति को प्रभावित करने वाला कारक ग्रह माना गया है। शुक्र देव जब राशि परिवर्तन करते हैं तो सभी राशि के जातकों की ग्रह दशा प्रभावित होती है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र का कर्क राशि में गोचर 30 मई 2023 की रात्रि 7:39 बजे होगा, जब शुक्र मिथुन से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। पंचांग के मुताबिक शुक्र कर्क राशि में 7 जुलाई 2023 की प्रातः 3:59 बजे तक रहेंगे और फिर सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शुक्र मीन राशि में उच्च के होते हैं तो कन्या राशि में नीच के माने जाते हैं। उच्च शुक्र शुभ फलदायी होते हैं नीच शुक्र नकारात्मक परिणाम लेकर आते हैं। नवग्रहों में शामिल छठा ग्रह शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी माना जाता है। शुक्र एक शुभ ग्रह है यदि शुक्र कुंडली में मजबूत होता है तो जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं जबकि कमज़ोर होने पर यह अशुभ फल देता है। शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं।
निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र का पौराणिक कथाओं में प्रचलित नाम शुक्राचार्य है जिनके बाद संजीवनी विद्या थी और ये शिव के परम भक्त व महर्षि भृगु ऋषि के पुत्र हैं। सप्ताह में शुक्रवार का दिन शुक्र को समर्पित है। शुक्र के अच्छे फल के लिए महिलाओं का सम्मान करें। परशुराम की आराधना करने से भी शुक्र की कृपा प्राप्त होती है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख वैवाहिक सुख भोग-विलास शौहरत कला प्रतिभा सौन्दर्य रोमांस काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।

शुक्र के पास अमृत संजीवनी
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र पृथ्वी के साथ हैं और शुक्र के पास अमृत संजीवनी है। इस कारण इस कारण प्राकृतिक आपदा और अप्रिय घटनाएं जन शून्य स्थानों पर होने की संभावना अधिक है। शुक्र अमृत संजीवनी के कारण दुर्घटना के शिकार लोगों को बचाने में सफल रहेंगे।

शुक्र का गोचर शुभ

मेष, मिथुन, तुला, मीन

शुक्र का गोचर अशुभ

कर्क, कन्या, मकर, कुंभ

शुक्र का गोचर सामान्य

वृष, सिंह, वृश्चिक, धनु

शुक्र का शुभ-अशुभ प्रभाव

विख्यात कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के राशि परिवर्तन से भौतिक सुख और वैवाहिक सुख में वृद्धि होगी। कानूनी मामलों में वृद्धि होगी। देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा। शुक्र के राशि बदलने से खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी। सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी। मशीनरी समान महंगे हो सकते हैं। व्यापार में तेजी रहेगी। सोने चांदी के भाव में वृद्धि होगी। दूध से बनी चीजों का उत्पादन बढ़ सकता है। सुख-सुविधाओं की चीजों में बढ़ोत्तरी भी हो सकती है। रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। शुक्र के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होती है।

शुक्र ग्रह के उपाय

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि लक्ष्मी माता की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें। भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें। शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं। चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें। श्री सूक्त का पाठ करें।

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