लखनऊ

सचिवालय के नजदीक से लेकर रिहायसी इलाकों तक फैला स्पा सेंटरो का मकड़जाल

सचिवालय के सामने डॉल्फिन थाई यूनिसेक्स सैलून एंड स्पा के नाम से संचालित होता है स्पा सेंटर

जन एक्सप्रेस/विश्वामित्र पांडेय: स्पा सेंटर के नाम पर हो रहा देह व्यापार का कारोबार राजधानी में छोटा नहीं रह गया। आंकड़ों की माने तो राजधानी में इस व्यापार का टर्नओवर करोड़ो में पहुंच चुका है। सचिवालय से लेकर रिहायशी इलाकों तक इस कारोबार की जड़ फैल चुकी है, जिसे सरकारी अमला लगातार नजरअंदाज करता चला आ रहा है। जिस्मफरोशी के काले कारोबार को स्पा सेंटर और मसाज पार्लर का चोला पहनाकर एक बड़े व्यापार के रूप में स्थापित करने का काम पूर्व में एक पार्टी के कथित बड़े नेता के नाम पर किया गया था। उस दौरान राजधानी की पुलिस ने ताबड़तोड़ दबिश देकर इस कारोबार की कमर तोड़ दी थी।

जन एक्सप्रेस टीम की पड़ताल में पता चला कि राजधानी में ज्यादातर मसाज पार्लर अनैतिक व्यापार के अड्डे बन गए हैं। यहां पर स्पा सेंटर के नाम पर संचालित कई सेंटर खुलेआम जिस्मफरोशी का धंधा करवा रहे हैं। वहीं लखनऊ की पुलिस मूकदर्शक बन बड़ी घटना होने का इंतजार कर रही है।

आकर्षक भाषा में बात कर फसाए जाते हैं ग्राहक!

सुंदर और युवा लड़कियों से ग्राहकों को फोन कराया जाता है और ग्राहकों से मसाज करवाने की बात कही जाती है। लड़कियां आकर्षक तरीके से बात करेंगी और मसाज को लेकर मस्ती तक की जानकारी देती हैं। यहां तक यह भी प्रलोभन देती हैं कि इस समय हमारे यहां ऑफर चल रहा है 1500 में दो सर्विस 1000 में एक सर्विस की बात भी करती हैं। ज्यादातर स्पा सेन्टर में काम कर रही लड़कियां नाबालिग हैं या फिर बाहरी हैं।

सूत्रों की माने तो बहुत सारी लड़कियां जो बाहर से लाई जाती हैं उन्हें बंधक बनाकर बिना उनकी मर्जी के भी जिस्मफरोसी का धंधा करवाया जाता है। सचिवालय के सामने स्थित सफेद मस्जिद के बगल ही डॉल्फिन थाई यूनिसेक्स sailuna एंड स्पा नाम से संचालित स्पा सेंटर में हैदराबाद और आसाम की लड़कियां होने का दावा किया गया है। ऐसे स्पा सेंटर्स को ना तो पुलिस का भय है ना ही प्रशासन का क्योंकि इस सेंटर का मालिक एक विधायक का बेटा बताया जा रहा है। वैसे भी एक कहावत है कि “जब सैया भए कोतवाल तो अब डर काहे का” जब पुलिस को हफ्ता दे ही रहे हैं तो इनके अलावा कार्यवाही करेगा ही कौन!

पुरानी बिल्डिंग या बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से का करते हैं चुनाव

ऐसे कामों के लिए स्पा सेंटर का कारोबार करने वाले लोग रिहायशी इलाकों में पुरानी बिल्डिंग या फिर ऊंची बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से का चुनाव करते हैं। पूरी बिल्डिंग को सीसीटीवी कैमरे से लैस रखते हैं। सीसीटीवी कैमरा ग्राहकों की निगरानी के लिए ना होकर पुलिस एवं संदिग्ध लोगों से बचाव के लिए प्रयोग किया जाता है। इन सीसीटीवी कैमरों का दायरा इतना होता है कि सौ मीटर दूर तक किसी भी संदिग्ध अथवा पुलिस को आने से पहले ही भाप लेते हैं।

स्पा सेंटर के लिए न कोई मानक न कोई कानून!

नियमों के अनुसार स्पा और मसाज सेंटर्स के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। यहां तीस दिन का रिकॉर्ड रखना होता है और हर ग्राहक की आईडी प्रूफ, मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड रखने का नियम है। स्पा सेंटर में यदि कोई विदेशी कर्मचारी काम करता है, तो उसका पुलिस वेरिफिकेशन होना जरूरी है, साथ ही इसकी पुष्टि भी करनी होती है कि विदेशी नागरिक के पास वर्क वीज़ा है या नहीं। अधिकांश स्पा सेंटर इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार राजधानी में कोई भी स्पा सेंटर बिना मानक के नहीं चल रहा है।

अनुभवहीन स्टाफ से कराया जाता है गोरखधंधा

जानकारों की माने तो एक केंद्र में थेरेपी के लिए एक स्टाफ ट्रेन रख लिया जाता है बाकी अनट्रेंड स्टाफ से सिर्फ और सिर्फ जिस्म फरोशी का काम कराया जाता है जिसमें ज्यादातर लखनऊ के बाहर की लड़कियों को रखा जाता है।

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