उत्तराखंड

विदाई से पहले जमकर बरसा मानसून

उत्तराखंड:   विदाई से पहले मानसून जमकर बरस रहा है। बारिश के बाद भूस्खलन से कई सड़कें बंद हो गईं हैं तो दूसरी ओर, नदियां उफान पर हैं। पिथौरागढ़ में पहाड़ी दरकने से घाट-पिथौरागढ़ ऑलवेदर रोड 11 घंटे बंद रही। चम्पावत में टनकपुर और घाट के बीच पांच स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा। बागेश्वर में बारिश में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया।

नैनीताल जिले में मलबा आने से 16 सड़कें बंद हैं। सितारगंज के उकरौली में कैलाश नदी का जलस्तर बढ़ने से आठ घर क्षतिग्रस्त हो गए। शनिवार देर रात से जारी बारिश के कारण रविवार को पूरे दिन जिले में जन जीवन अस्त व्यस्त रहा। नैनीताल के बलियानाले में रविवार तड़के भूस्खलन हुआ।

जिससे इस क्षेत्र में रहने वाले लोग फिर दहशत में आ गए। अल्मोड़ा हाईवे पर पूरे दिन पहाड़ी से पत्थर गिरते रहे। इस कारण कई जगहों पर हाईवे लगातार बाधित होता रहा। शिप्रा नदी के तेज बहाव में एक गाय बह गई। बारिश से फसलों को भी खासा नुकसान हुआ है। रविवार शाम तक जिले में 16 सड़कें बंद चल रही थीं।

रविवार को नैनीताल हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन मूर्ति क्षेत्र में भूस्खलन हो गया। जिससे पहाड़ी से काफी मलबा सड़क पर आने से करीब दो घंटे यातायात बाधित रहा। रविवार शाम को कैलाखान के समीप भी भूस्खलन हुआ। वहीं गरमपानी में शिप्रा नदी के तेज बहाव से बाजार क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं।

भवाली अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के कई स्थानों पर पिछले 12 घंटे से हो रही रुक-रुककर हो बारिश के चलते थुवा की पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। इस कारण कई बार दिन में हाईवे बंद रहा। पाडली, रातीघाट, लोहली, काकड़ीघाट, सुयालखेत आदि स्थानों पर मार्ग संवेदनशील बना हुआ है। जिस कारण यात्रियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

क्वारब मौना मोटर मार्ग में आज दिन के समय सड़क में मलबा आने से यातायात ठप रहा। वहीं ओखलकांडा मल्ला में गोपाल राम, चन्द्र प्रकाश आर्या व बालम राम तीनों भाइयों का मकान भरभराकर ध्वस्त हो गया। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बर्गली ने बताया हालांकि परिवारों को पहले ही शिफ्ट कर दिया था। विधायक राम सिंह कैड़ा, ब्लॉक प्रमुख कमलेश कैड़ा ने प्रशासन से आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

गौला का जलस्तर बढ़ा , शवदाह में परेशानी

रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर गौला नदी का जलस्तर बढ़ने से शवदाह करना मुश्किल हो गया। लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। दोपहर बाद मौसम सुधरने और जलस्तर कम होने के बाद शवदाह की प्रक्रिया पूरी की जा सकी। रविवार सुबह करीब साढ़े दस बजे रानीबाग के चित्रशिला घाट पर अंतिम संस्कार को तीन शव लाए गए थे।

भारी बारिश से पवित्र शिला पानी में समा चुकी थी। तीनों शवों के लिए लोगों ने चिताएं लगाईं और मुखाग्नि दे दी गई। इस बीच गौला नदी का पानी शमशान घाट की ओर बढ़ने लगा। इससे चिताओं के बहने का खतरा बढ़ गया। इसके अलावा भीगी लकड़ियां मुखाग्नि के लिए परेशानी का सबब बन गईं। कुछ देर बाद बारिश थमने पर शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया

विदाई से पहले जमकर बरसा मानसून, पारा गिरा

हल्द्वानी। बरसात का सीजन समाप्त होने से पहले जमकर बारिश हो रही है। हल्द्वानी सहित आसपास के क्षेत्रों में शनिवार देर शाम से रविवार सुबह तक झमाझम बारिश हुई। ऐसे में ठंड का अहसास हुआ और विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई। जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार हल्द्वानी सहित आसपास के क्षेत्र में बीते 24 घंटे में 45 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। साथ ही सुबह तक बारिश का सिलसिला जारी होने से ठंड का अहसास हुआ। ठंड में इजाफा होने की वजह से लोगों ने प्री-विंटर के कपड़े निकाल लिए। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार हल्द्वानी में अधिकतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। लेकिन बारिश होने के चलते शनिवार की तुलना में 3 डिग्री सेल्सियस पारा गिर गया।

यमुनोत्री हाइवे पर यात्री फंसे

जोशीमठ, उत्तरकाशी हिटी। दो दिन से जारी बारिश के बाद रविवार को हेमकुंड साहिब और आसपास की पहाड़ियों पर बर्फबारी से कड़ाके की सर्दी शुरू हो गई। गुरुद्वारे के आसपास एक इंच तक बर्फ गिरी। उधर, गंगोत्री हाइवे रविवार को भी हेलगूगाड़ में बंद रहा। जबकि यमुनोत्री हाइवे पर दो घंटे तक यात्री फंसे रहे।

पिथौरागढ़-घाट सड़क 11 घंटे बाद खुली, दो घंटे बाद फिर से बंद

आसमानी बारिश सीमांत के लोगों के लिए मुसीबत बनकर बरसी है। यहां हुई भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के बाद घाट-पिथौरागढ़ ऑलवेदर सड़क 11 घंटे बंद रही। किसी तरह प्रशासन व एनएन की टीम ने सड़क खोली। लेकिन महज दो घंटे बाद ही यह सड़क फिर से बंद हो गई, जिससे सीमांत के लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी है। देर रात तक भी सरकारी मशीनरी सड़क खोलने में ज़ुटे रहे।

लेकिन मायूसी हाथ लगी। वहीं पर्यटन नगरी को जोड़ने वाली थल-मुनस्यारी, भारत-चीन सीमा के साथ ही दारमा, व्यास व चौदास घाटी को जोड़ने वाली पिथौरागढ़-धारचूला, घटियाबगड़-लिपुलेख सड़कें बंद रहीं। इन सड़कों के बंद होने से सोर घाटी के साथ ही पर्यटन नगरी मुनस्यारी व सीमांत तहसील धारचूला का शेष दुनिया से सड़क संपर्क कटा रहा। इससे 3 लाख से अधिक की आबादी परेशान रही।

सीमांत में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दो दिनों से बारिश यहां के लोगों के लिए आफत बनकर बरस रही है। बारिश के बाद पहाड़ी दरकने से घाट-पिथौरागढ़ ऑलवेदर सड़क रविवार सुबह तीन से अधिक स्थानों पर बंद रही। इस सड़क के बंद रहने से सीमांत का मैदानी क्षेत्रों से सड़क संपर्क कटा रहा।

यहां 120 से अधिक वाहन फंसे रहे। वाहन चालकों व यात्रियों को भारी बारिश के बीच सड़क खुलने का घंटों इंतजार करना पड़ा। 11 घंटे बाद देर शाम किसी तरह सड़क खोलकर आवाजाही शुरू कराई गई। लेकिन महज दो घंटे बाद ही देर रात 7 बजे फिर से गुरना व दिल्ली बैंड के पास फिर से मलबा गिरने से यह सड़क बंद हो गई, जिससे सीमांत के लोगों को मायूसी हाथ लगी। वहीं थल-मुनस्यारी सड़क पर भी हरड़िया के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर गिरने से आवाजाही ठप रही।

JAN EXPRESS

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