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जौनपुर: अमृत सरोवर बनवाने के नाम पर गांवों में जमकर भ्रष्टाचार

करोड़ों खर्च होने के बावजूद तालाब अपने पुराने अस्तित्व का रोना रो रहे हैं 

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  • पिछले वित्तीय वर्ष में सुईथाकला ब्लॉक में 17 अमृत सरोवरों बनने का हुआ था चयन
जन एक्सप्रेस। संतोष कुमार दीक्षित 
 
जौनपुर। जिले के विकास खंड सुईथाकला में अमृत सरोवर तालाब बनाने के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में सत्रह अमृत सरोवरों बनाने का चयन किया जिला प्रशासन द्वारा किया गया था जिसके बाद जिले व ब्लाक के अधिकारी कर्मचारी उक्त तालाबों पर कार्य शुरू करा दिया जिसमें करोड़ों रुपए मनरेगा/ राज्य वित्त/ केंद्रयांश से मिलाकर सरकारी धन ख़र्च भी हो गया। लेकिन धरातल पर खर्च के अनुरूप कुछ भी कार्य दिखाई नहीं दे रहा है। यही नहीं कागजों में सब बनकर तैयार हो गए हैं।जब कि जन एक्सप्रेस की टीम के पड़ताल में उक्त सभी पोखरो का कार्य आधे अधूरे हैं। जबकि अधिकांश गांवों में बने तालाबों के पूर्ण भुगतान भी हो चुके हैं और तालाब अपने पूराने अस्तित्व में ही रोना रो रहा हैं।
जबकि सरकार के मंशानुरूप बीते दस जून तक सभी तालाबों का कार्य पूरा करवाये जाने का लक्ष्य था। और पिछले 15 अगस्त को ही सभी अमृत सरोवरों पर झंडारोहण करने का का निर्देश भी था। और निर्देश के क्रम में उक्त तालाबों के पास झंडा रोहण भी कराया गया लेकिन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृतसरोवर को जिस लुक में सरकार चाहती थी कि 15अगस्त पर उसे गांव वाले देखे वह वह कार्य अधिकारी कर्मचारी नहीं कर पाये। तालाब भले न बने लेकिन अधिकारी कर्मचारी जरुर बन गये। गांव में विकास के नाम पर भले ही सरकारी धन खर्च हुआ हो परंतु खर्च के अनुरूप गांवों में कार्य दिखती  नही दे रहा है।
गांव का विकास भले न दिख रहा हो  लेकिन प्रधान अधिकारी कर्मचारी की गाड़ियां जरूर बदल गई हैं सरकार के मानक के मुताबिक एक भी तालाब दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन अभी तक बारह सरोवर का कार्य कागजों पर पूर्ण होना बताया जा रहा है। जबकि जमीनी हकीकत इससे अलग है।

अमृत सरोवर तालाबों पर क्या क्या बनना था

ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवरों का निर्माण किया जाना था। सरोवर के किनारे पक्का घाट बनाकर चारो तरफ इंटरलॉकिंग, पौधरोपण, बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था के साथ ही वाकिंग ट्रैक, लाईटिंग का निर्माण कराया जाना था। फूल पत्ती भी लगनी थी।

पिछले वित्तीय वर्ष कुल 17 अमृत सरोवरों का निर्माण होना था जिन्हें 12 सरोवरों पर काम हो पाया है शेष तीन पर विवाद होने की वजह से कार्य शुरू नही करवाया गया है। बहरहाल सभी अमृत सरोवरो का स्थालीय निरीक्षण कर बिधिक कार्रवाई की जाएगी।
-नृपेंद्र बहादुर
सहायक परियोजना अधिकारी
 विकास खंड सुइथाकलां, जौनपुर।
अमृत सरोवर का निर्माण कई मदो से होना था बहरहाल मामले की जांच कर कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
-सुशील त्रिपाठी
जिला मनरेगा अधिकारी, जौनपुर।

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