भारत को तेल बेचने वालों में टॉप पर पहुंचा रूस
नई दिल्ली: अमेरिका और यूरोप ने भले ही रूस से भारत की तेल खरीद को लेकर कई बार आपत्ति जताई है, लेकिन इससे दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ा है। यही नहीं अक्टूबर महीने में तो रूस ने भारत को तेल की सप्लाई के मामले में पहला नंबर हासिल कर लिया है। उसने इराक और सऊदी अरब को भारत को तेल एक्सपोर्ट करने के मामले में दूसरे और तीसरे नंबर पर धकेल दिया है। शिपिंग डेटा के आधार पर सामने आईं मार्केट रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है। भारत में हर दिन 5 मिलियन प्रति बैरल तेल का आयात होता है। इसमें अक्टूबर महीने में रूस की हिस्सेदारी 22 फीसदी की रही है, जबकि 2019 में उसका हिस्सा महज 1 फीसदी ही था।
अमेरिका और यूरोप ने भले ही रूस से भारत की तेल खरीद को लेकर कई बार आपत्ति जताई है, लेकिन इससे दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ा है। यही नहीं अक्टूबर महीने में तो रूस ने भारत को तेल की सप्लाई के मामले में पहला नंबर हासिल कर लिया है। उसने इराक और सऊदी अरब को भारत को तेल एक्सपोर्ट करने के मामले में दूसरे और तीसरे नंबर पर धकेल दिया है। शिपिंग डेटा के आधार पर सामने आईं मार्केट रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है। भारत में हर दिन 5 मिलियन प्रति बैरल तेल का आयात होता है। इसमें अक्टूबर महीने में रूस की हिस्सेदारी 22 फीसदी की रही है, जबकि 2019 में उसका हिस्सा महज 1 फीसदी ही था।
कैसे अमेरिका और यूरोप का विरोध भारत ने किया खारिज
दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है और यह 139 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा है, जो 14 सालों के टॉप पर है। ऐसे में भारत के लिए रूस से तेल की खरीद करना फायदे का सौदा साबित हुआ है। बता दें कि भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद पर अमेरिका और यूरोप ने आपत्ति जताई थी।