महराजगंज में गेहूं में गुजिया रोग तो सरसों में आरा-सुंडी का खतरा, कोहरे का कहर !
कोहरे के बीच धूप न होने से फसल सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता, कृषि विभाग ने बचाव को जारी की एडवाइजरी

जन एक्सप्रेस/ महराजगंज: शहर में ठंड और कोहरे के साथ मौसम में हुए बदलाव से रबी फसलों पर कीट और रोगों का खतरा बढ़ गया है। पर्याप्त धूप न होने और गलन के कारण फसलें प्रभावित हो रही हैं। किसान इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि जरा सी लापरवाही से फसल बर्बाद हो सकती है। जिला कृषि विभाग ने किसानों को सतर्क रहने और फसल सुरक्षा के उपाय अपनाने की सलाह दी है।
गेहूं में गुजिया रोग और दीमक का खतरा
गेहूं की फसल में दीमक और गुजिया रोग का खतरा बढ़ गया है। बचाव के लिए कलोरपायरीफास 20 प्रतिशत दवा का 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना लाभकारी होगा। यह दवा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उपयोग करने की सलाह दी गई है।
सरसों में सुंडी और माहो कीट का प्रकोप
सरसों की फसल में आरा मक्खी और बालदार सुंडी के कारण फसल को नुकसान हो सकता है। इसके लिए मैलाथियान 50 प्रतिशत या क्यूनालफास 25 प्रतिशत दवा का छिड़काव करने की सलाह दी गई है। माहो कीट के जैविक नियंत्रण के लिए नीम आधारित एजाडिरेक्टिन दवा का उपयोग करें, जबकि रासायनिक नियंत्रण के लिए थायोमेथाक्साम 25 प्रतिशत दवा प्रभावी है।
किसानों के लिए एडवाइजरी
जिला कृषि रक्षा अधिकारी हिमांचल सोनकर ने किसानों को फसल सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी है। उन्होंने सलाह दी है कि समय-समय पर फसलों की जांच करें और बताए गए दवाओं का छिड़काव करें। कृषि विभाग के अधिकारी लगातार किसानों को जागरूक कर रहे हैं ताकि मौसम की मार से फसल को बचाया जा सके।