एटा में दलित की बारात पर बवाल: ठाकुर समाज के विरोध के बाद पथराव, सिपाही घायल
पुलिस की मौजूदगी में डलवाए गए फेरे, SSP और प्रशासनिक अफसर मौके पर डटे रहे

एटा | जन एक्सप्रेस ब्यूरो एटा ज़िले के थाना अवागढ़ क्षेत्र के गांव ढकपुरा में शनिवार शाम जातीय तनाव का एक और शर्मनाक मामला सामने आया, जब एक दलित युवक की बारात का ठाकुर समाज के लोगों ने विरोध किया। विरोध इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद पथराव शुरू हो गया, जिसमें एक पुलिस सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया।
स्थिति बिगड़ते ही प्रशासन हरकत में आया और एसएसपी श्याम नारायण सिंह, एएसपी, एसडीएम और सीओ सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। अंततः पुलिस की कड़ी निगरानी और सुरक्षा में विवाह संपन्न कराया गया।
निर्धारित रास्ता बदलने पर भड़का जातीय विवाद, तनाव के बीच शादी
गांव के लोगों और बारात पक्ष के अनुसार, दलित समाज की लड़की की बारात सामान्य रूप से चल रही थी, लेकिन बारात को जब निर्धारित रास्ते की जगह दूसरे रास्ते से ले जाया गया, तो ठाकुर समाज के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया।
विरोध बढ़ते-बढ़ते पथराव में तब्दील हो गया। पथराव के दौरान एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रशासन ने संभाला मोर्चा, पुलिस की सुरक्षा में शादी कराई गई
घटना की गंभीरता को देखते हुए SSP श्याम नारायण सिंह, ASP राजकुमार सिंह, SDM भावना विमल और CO ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे। मौके पर अतरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और गांव में शांति बहाल की गई।
दूल्हे के चाचा देवचरन ने बताया कि, पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में शादी सकुशल संपन्न हुई। अब दुल्हन को विदा करा के ला रहे हैं।”
जातिगत भेदभाव पर फिर उठे सवाल
यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था, बल्कि समाज की जातीय सोच पर भी सवाल खड़े करती है। सवाल ये है कि आज भी एक दलित की बारात को विरोध का सामना क्यों करना पड़ता है? क्या 21वीं सदी के भारत में अभी भी जाति के नाम पर सामाजिक व्यवहार तय किए जाएंगे?