दुष्कर्म पीड़िता की फांसी ने खड़े किए थाना हैदरगढ़ की कार्यशैली पर प्रश्न
एसपी ने परिजनों को दिया उचित कार्रवाई का आश्वासन, विवेचक को किया निलंबित
जन एक्सप्रेस/संवाददाता
बाराबंकी, थाना हैदरगढ़ अंतर्गत दुष्कर्म पीड़िता द्वारा लगाई गई फांसी स्थानीय थाने की कार्यशैली पर प्रश्न खड़े कर गई। मामले में परिजनों का आरोप है कि समय रहते पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उचित कार्रवाई की होती। तो उनकी पुत्री को ऐसा कदम न उठाना पड़ता। और शायद उनकी पुत्री अपनी जिंदगी से इतना नाराज न होती। फिलहाल मामले की सूचना पर स्थानीय पुलिस महकमे से शहर के पुलिस महकमे तक हड़कंप की स्थिति हो गई। आनन-फानन में मौके पर पहुंचे एसपी ने पत्रकारों से बताया कि बीती 17 जून को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया था। गुरुवार सुबह आरोपी को हिरासत में लेने के साथ पीड़िता के बयान दर्ज किए जाने थे। लेकिन इसी बीच पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले में कार्यवाही जारी है। बता दें कि थाना हैदरगढ़ के एक गांव निवासी युवक ने गांव की ही एक किशोरी से दुष्कर्म किया। जिसकी तहरीर पीड़िता ने थाने में दिया। जिसपर स्थानीय पुलिस ने तब मुकदमा दर्ज किया। जब मामले में एसपी के निर्देश जिले से आ गए। एसपी के दबाव में जहां स्थानीय पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी न कर सकी। जिसे लेकर आरोपी पीड़िता और उसके परिजनों को धमकाता रहा। जिससे तंग आकर किशोरी ने बुधवार की रात घर में ही फंदे से लटककर जान दे दी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसपी दिनेश कुमार सिंह मौके पर पहुंचकर पीड़िता के परिजनों से बातचीत कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया और मामले में विवेचक योगेंद्र प्रताप सिंह को विवेचना में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया है।