शब्द हमें रचनात्मक करने की प्रेरणा देते हैं: सोनल मानसिंह

नई दिल्ली । साहित्य अकादमी के छह दिवसीय साहित्योत्सव के तीसरे दिन सोमवार को विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। सबसे रोचक कार्यक्रम शब्द-संसार और मेरी कला विषयक परिचर्चा थी। इसमें विभिन्न कला क्षेत्रों के महत्वपूर्ण लोगों ने शब्द और कला के संबंधों पर गहराई से प्रकाश डाला। इस परिचर्चा की अध्यक्षता प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना एवं राज्यसभा सदस्य सोनल मानसिंह ने की। उन्होंने कहा कि शब्दों में बहुत ताकत होती है, वे किसी को अगर प्रसन्न कर सकते हैं तो किसी को घाव भी दे सकते हैं। शब्द जो हमारे आस-पास रहते हैं, वे ही हमें रचनात्मक करने के लिए प्रेरणा देते हैं।
परिचर्चा के अन्य प्रतिभागियों में प्रख्यात पखावज वादक अनिल चौधरी, आईपीएस अधिकारी ए.पी. माहेश्वरी, चित्रकार, मूर्तिकार एवं कवि जतिन दास, प्रख्यात फिल्म निर्देशक केतन मेहता, प्रख्यात कथक नृत्यांगना नलिनी, पूर्व आईएएस एवं लेखक राघव चंद्रा, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना एवं गुरु शोभना नारायण, प्रख्यात सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यकर्ता संदीप भुटोरिया शामिल रहे। सभी ने अपने विचार और अनुभव श्रोताओं के समक्ष रखे।
आमने-सामने कार्यक्रम के अंतर्गत साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 के विजताओं प्रख्यात गुजराती लेखक गुलाम मोहम्मद शेख, हिंदी लेखक बद्रीनारायण, ओडिया लेखिका गायत्री बाला पंडा, मलयालम लेखक एम. थॉमस मैथ्यू एवं प्रसिद्ध तमिल लेखक एम. राजेंद्रन से विभिन्न विद्वानों ने बातचीत की।
भाषा सम्मान अर्पण समारोह में आज वर्ष 2019-2020 एवं 2022 के पुरस्कृत लेखकों को सम्मानित किया गया। पुरस्कृत लेखकों में ए. दक्षिणामूर्ति, दयानंद भार्गव, मोहम्मद आज़म, सत्येंद्र नारायण गोस्वामी, उदयनाथ झा, अशोक द्विवेदी एवं अनिल कुमार ओझा, होरसिंह खोलर शामिल रहे।
आज के अन्य कार्यक्रमों में अनुवाद-कला: सांस्कृतिक संदर्भ में चुनौतियां, शिक्षा और सृजनात्मकता विषयक परिचर्चाएं एवं आदिवासी लेखक सम्मेलन भी थे। आज सम्मिलित हुए रचनाकारों में राणा नायर, कलिंग बोरांग, मृणाल मिरी, दामोदर खंड़से, वर्षा दास, अनीसुर रहमान, टी.वी. कट्टीमनी, गिरीश्वर मिश्र, गौरहरि दास शामिल थे।