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ग्रामीणों ने तृणमूल कांग्रेस नेता को पीटा…

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पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब खबर है कि ग्रामीणों ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक नेता अजीत मैती के साथ मारपीट की है। इसका वीडियो भी सामने आया है।

बेरमाजपुर गांव में ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी
संदेशखली के बेरमाजपुर गांव में भी आज ग्रामीणों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। पिछले दस दिनों से ज्यादा समय से इलाके में तनाव बना हुआ है। दक्षिण बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुप्रतिम सरकार और बारासात रेंज के उप महानिरीक्षक भास्कर मुखर्जी अपनी टीम के साथ ग्रामीणों को शांत करने के लिए पहुंचे।

महिला ने पुलिस से पूछा- आप अब तक कहां थे?
एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, हम दर्द के मारे यह कह रहे हैं। वे (टीएमसी नेता शाहजहां शेख के सहयोगी) हमारे घरों में क्यों घुस रहे हैं? वे मेरे ससुराल वालों को धमका रहे हैं। वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? पुलिस ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की और कहा कि वह स्थिति को हल करने के लिए कदम उठा रहे हैं। इस पर महिला ने सवाल उठाया, आप अब आ रहे हैं। आप पहले कहां थे?

तथ्य जुटाने के लिए एनएचआरसी की टीम पहुंची
इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम पीड़ितों से मिलने के लिए संदेशखाली के पतरापाड़ा पहुंची। टीम घटनास्थल पर पहुंचकर कथित हिंसक घटनाओं के तथ्यों का पता लगाने के लिए आई है। आयोग ने पाया है कि संदेशखाली की हालिया घटनाएं पहली नजर में मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर इशारा कर रही हैं, जैसा कि विभिन्न प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रिपोर्ट किया गया है।

एनएचआरसी ने दो हफ्ते के भीतर मांगी रिपोर्ट
इससे पहले मंगलवार को एनएचआरसी ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी किया था। उनसे उस मामले में दो हफ्ते के भीतर मामले पर एक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, जिसमें एक समाचार चैनल के पत्रकार को संदेशखाली में पुलिस ने हिरासत में लिया था। आयोग ने फोन कर उपनिरीक्षक (जांच) से बात की और उन्हें तथ्यों का पता लगाने और एक हफ्ते के भीतर आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है।

कानून को हाथ में न लें, कार्रवाई करेंगे: डीजीपी
वहीं, लगातार दूसरे दिन संदेशखली पहुंचे डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि पुलिस की भूमिका संदेशखाली में कानून का शासन बनाए रखना है। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे कानून को अपने हाथों में न लें। कुमार ने कहा, हम सभी को यहां कानून का शासन स्थापित करने की जरूरत है। कानून के शासन का मतलब यह नहीं है कि मेरे साथ गलत हुआ है, इसलिए मैं कानून अपने हाथों में ले लूंगा। हमें प्रक्रिया का पालन करना होगा। हम इसे हर जगह कर रहे हैं।

‘कुछ लोग नहीं चाहते हल हों समस्याएं’
उन्होंने पत्रकारों के सामने एक ग्रामीण से कहा, हम यहां शिविर लगा रहे हैं। हम आपसे सभी शिकायतें भी लेंगे। उन्होंने अपने साथी अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि इनका फोन नंबर ले लें और बयान दर्ज करें। कुमार ने कहा कि कुछ शरारती तत्व स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं चाहते हैं और नई समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोग नहीं चाहते कि समस्याएं जल्दी हल हों। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई कानून अपने हाथ में लेता है तो हम उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेंगे।
कुमार ने मीडिया से अपील की कि वह संदेशखाली के मुद्दे को सनसनीखेज बनाकर न पेश करें। डीजीपी ने कहा, आज पहले पन्ने पर यह छपा है कि कुछ लोगों ने जमीन के एक टुकड़े पर कब्जा कर लिया है। ऐसी पीत पत्रकारिता गलत है। शिकायतकर्ताओं में से एक ने कहा कि उसका घर एक साल पहले नष्ट कर दिया गया था। इस पर डीजीपी ने कहा, हम निश्चित रूप से इसकी जांच करेंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें किसी का भी घर तोड़ने का अधिकार है।

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