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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक

अहमदाबाद/गांधीनगर। भारत के उत्तर पूर्व प्रदेशों तथा पश्चिम भारत के गुजरात की समृद्ध संस्कृति के समन्वय के अनुबंध का उत्सव माधवपुर घेड मेला इस वर्ष रामनवमी पर 30 मार्च से 3 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में मेले के आयोजन को लेकर गांधीनगर में एक बैठक हुई। मेले का आयोजन भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय, उत्तर-पूर्वी राज्यों के विकास मंत्रालय सहित गुजरात सरकार के खेलकूद, युवा तथा सांस्कृतिक गतिविधि विभाग, पर्यटन विभाग व कुटीर उद्योग विभाग की ओर से किया जाएगा। इस मेले में गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा तथा नागालैंड समेत 9 राज्य सहभागी होंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के विचार को साकार करते हुए इस मेले को 2018 से राष्ट्रीय स्तर के उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। यह मेला अरुणाचल प्रदेश के भीष्मक नगर के राजा भीष्मक की बेटी रुक्मणी के साथ माधवपुर में भगवान कृष्ण के विवाह की श्रद्धा स्मृति में आयोजित किया जाता है। भगवान कृष्ण के माधवराय मंदिर में रुक्मिणीजी से विवाह करने और द्वारका के लिए प्रस्थान होने तक पांच दिनों का समग्र उत्सव स्थानीय समुदाय द्वारा माधवपुर में सांस्कृतिक मेले के तौर पर मनाया जाता है और इसका उद्देश्य दो प्रदेशों की समृद्ध संस्कृति का समन्वय करना है। ‘बारात’ से ‘बिदाई’ तक के इस आनंदमय और पवित्र विवाह को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष इस मेले में श्रद्धापूर्वक उपस्थित होते हैं। 2022 के इस माधवपुर-घेड मेले का शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता एवं पर्यटन मंत्री मुलूभाई बेरा की उपस्थिति में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में वर्ष 2023 में माधवपुर मेले में “अनेकता में एकता” की भावना को चरितार्थ करने और अधिक नए आकर्षण जोड़ने पर विचार-विमर्श किया गया।

इस मेले के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा, गुजरात सरकार सहभागी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों तथा केंद्र सरकार के मंत्रियों को भी मेले में भाग लेने के लिए आमंत्रित करेगी।मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस मेले को और अधिक लोकप्रिय एवं आकर्षक बनाने के लिए प्रतिदिन नवीन कार्यक्रमों के साथ आयोजन करने का मार्गदर्शन दिया।

इस संदर्भ में बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष का मेला सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से गुजरात तथा उत्तर पूर्वी राज्यों के समन्वय, कारीगरों के हस्तकला मेलों द्वारा समन्वय तथा खेलकूद के माध्यम से समन्वय के तीन व्यापक विषयों के साथ आयोजित किया जाएगा।

ऐतिहासिक सुसंगता के साथ पारंपरिक नृत्यों को केंद्र में रखते हुए गुजरात और उत्तर-पूर्वी राज्यों के कलाकार, कला संस्थान सांस्कृतिक प्रस्तुति करेंगे। इतना ही नहीं भगवान श्रीकृष्ण पर मल्टीमीडिया शो भी किया जाएगा।

उत्तर पूर्वी राज्यों के हस्तकला कारीगरों की विभिन्न चीज- वस्तुओं, व्यंजनों तथा उनके प्रदेशों के ऑर्गेनिक फूड को गुजरात में अधिक लोकप्रिय बनाने व “वोकल फॉर लोकल” पहल को बढ़ावा देने के लिए 18 मार्च से 30 मार्च तक वडोदरा, अहमदाबाद व राजकोट में प्रादेशिक हस्तकला मेला आयोजित किया जाएगा। इसके लिए कार्य योजना बनाने की ज़िम्मेदारी राज्य के कुटीर उद्योग विभाग को सौंपी गई है।

इस वर्ष माधवपुर-घेड तट पर मेले के दौरान पहली बार उत्तर पूर्वी राज्यों तथा गुजरात के पारंपरिक खेलों और तटीय खेलों- बीच स्पोर्ट्स का आयोजन किया जाएगा। इन खेलों में बीच वॉलीबॉल, बीच फुटबॉल, 100 मीटर बीच रन, बीच हैंडबॉल और कोकोनट थ्रो जैसे खेल खेले जाएंगे।

इस मेले के तहत तट पर रेत से शिल्प की विभिन्न कृतियां बनाने का भी आयोजन किया जाएगा तथा स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत उत्तर पूर्वी राज्यों के विद्यार्थियों को इस मेले में सहभागी बनाने की भी योजना है।

बैठक में मुख्य सचिव राज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, अग्र मुख्य सचिव पंकज जोशी सहित शिक्षा, पर्यटन, सांस्कृतिक गतिविधियों सहित अन्य विभागों के प्रमुख सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी सहभागी रहे।

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