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नए रिश्तों की गौरवशाली यात्रा का हुआ आरंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बात कही तो इससे साफ तौर पर स्पष्ट हुआ कि भारत और अमेरिका की मजबूत साझेदारी और सहयोग को स्पष्ट करने के लिए काफी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने पीएम मोदी को राजकीय यात्रा के लिए निमंत्रण दिया था। इसके बाद यात्रा में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के साथ राष्ट्रपति बाइडेन से हुई द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस यात्रा के दौरान एआई, अंतरिक्ष, क्वांटम और निवेश को लेकर समझौते किए गए जिनकी बदौलत भारत और अमेरिका के रिश्तों में मजबूती आई है।

भारत-अमेरिका व्यापक रणनीतिक वैश्विक साझेदारी साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर सामंजस्य और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की साझा दृष्टि पर आधारित है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध व्यापक जुड़ाव और सहयोग के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के बीच नियमित उच्च स्तरीय वार्ताएं होती रही हैं जिससे दोनों सरकारों को मार्गदर्शन करने और साझा प्राथमिकता के समसामयिक मुद्दों के संदर्भ में द्विपक्षीय एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता निरंतर मिलती रही है।

वस्तुओं और सेवाओं में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। दोनों देश विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में भागीदार हैं, इसलिए क्रिटिकल इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की पहल ने नए आयाम जोड़े हैं। अमेरिकी दौरे के दौरान तय हुआ है कि दोनों देश व्यापार से जुड़े लंबित मुद्दों को खत्म कर नई शुरुआत करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस बात पर सहमत हैं कि हमारी रणनीतिक साझेदारी को सार्थक बनाने के लिए सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ लाना महत्वपूर्ण है। आज अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका की दोस्ती दुनिया को एक बेहतर जगह बनाएगी। डिफेंस से लेकर एविएशन सेक्टर तक, एप्लाइड मटेरियल से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक, आईटी सेक्टर से लेकर स्पेस तक, भारत-अमेरिका अब सबसे भरोसेमंद पार्टनर के तौर पर आगे बढ़ रहे हैं। भारत और अमेरिका की यह साझेदारी दोनों देशों के हित में है।

प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि हमारी साझेदारी 21वीं सदी की दुनिया का भाग्य बदल सकती है। हम एआई, अंतरिक्ष, क्वांटम, सेमीकंडक्टर और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग करके एक मजबूत और दूरदर्शी संबंध बना रहे हैं। भारत और अमेरिका के बीच आर्टेमिस समझौता अंतरिक्ष अन्वेषण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, जो स्काई इज नॉट द लिमिट का उदाहरण है। आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई करने पर भी दोनों देशों ने सहमति जताई है।

इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार अमेरिका गए थे तब भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, आज यह 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। हम न केवल विकास कर रहे हैं बल्कि तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जब भारत बढ़ता है तब दुनिया बढ़ती है। आखिरकार, हम दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा है। भारत की डिजिटल क्रांति को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ”हमने डिजिटल इंडिया बनाने पर काम किया है। देश में 220 करोड़ स्वदेशी कोविड वैक्सीन की खुराक निःशुल्क देकर लोगों को सुरक्षित करने में पीएम मोदी के नेतृत्व में ही सफलता मिली है। डिजिटल इंडिया की बदौलत किसानों को मौसम की जानकारी, बुजुर्गों को ऑनलाइन सुरक्षित भुगतान, छात्रों को छात्रवृत्ति और टेलीमेडिसिन प्रदान करने वाले डॉक्टर, सभी मोबाइल का उपयोग करते हैं और बस एक क्लिक की दूरी पर हैं।

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