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आपातकाल भारत के इतिहास में काला अध्याय : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़

जयपुर । केबिनेट मंत्री और झोटवाड़ा से भाजपा विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने मंगलवार को कहा कि भारत के लोकतंत्र का अपमान करते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा 25 जून 1975 को लागू किए गए आपातकाल के विरोध में खड़े होने वाले लोकतंत्र के प्रहरी समस्त राष्ट्रभक्तों को कोटि-कोटि नमन। संविधान को बचाने की लड़ाई में आप सभी द्वारा दिया गया योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी थी, संविधान में बदलाव किए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिए थे। 25 जून 1975 को रात के अंधेरे में कांग्रेस की सरकार ने भारत के लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया था।

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, डार्क डेज ऑफ़ इमरजेंसी हमें याद दिलाती है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया और भारत के संविधान को कुचल दिया, जिसका हर भारतीय सम्मान करता है। देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। 25 जून, 1975 को कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कांग्रेस की आपातकाल वाली मानसिकता आज भी नहीं गई है। आपातकाल के बंदी आज भी यातनाएं नहीं भूले हैं और ना कभी भूल पाएंगे। आपातकाल, एक ऐसा कालखंड जिसने केवल देश ही नहीं बल्कि इसके प्रत्येक नागरिक के सपनों को कुचल दिया था।

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