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जनपद की 496 ग्राम पंचायतों में खरीफ किसान पाठशाला शुरू

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झांसी । जनपद में खरीफ किसान पाठशाला का आयोजन गुरुवार से जनपद की समस्त 496 ग्राम पंचायतों में प्रारंभ हुआ। जिलाधिकारी अविनाश कुमार इस पाठशाला पर स्वयं भी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कृषकों से अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक किसान उक्त पाठशाला में प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें, ताकि कृषकों को खरीब की फसलों की खेती की जानकारियां उपलब्ध हो सकें।

जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और खेती-किसानी की लागत कम करने के प्रयासों में खरीफ किसान पाठशाला की महती भूमिका है, पाठशाला में किसानों को नई-नई तकनीकी की जानकारी देते हुए खेती को आसान किए जाने पर विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि यंत्र पर 50 से लेकर 80 प्रतिशत तक का अनुदान शासन द्वारा दिया जा रहा है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि छोटे-छोटे किसान संगठित होकर एफपीओ गठित करें और कृषि यंत्रों का लाभ लें ताकि खेती कार्य में सुधार के साथ ही उत्पादकता में बढ़ोतरी हो। जनपद में उप कृषि निदेशक एमपी सिंह की अध्यक्षता में खरीफ किसान पाठशाला का शुभारंभ किया गया, जिसमें उन्होंने खरीफ किसान पाठशाला में किसानों को नई-नई तकनीक और जानकारियां उपलब्ध कराते हुए किसानों की फसल को और बेहतर बनाने के साथ ही फसल की उत्पादकता बढ़ाए जाने के विषय में बताए जाने के निर्देश दिए।

ग्राम गढ़मऊ विकासखंड बड़ागांव में आयोजित खरीफ किसान पाठशाला में जानकारी देते हुए डीडी कृषि ने बताया कि गौ आधारित खेती करने वाले कृषकों को क्षेत्र का भ्रमण कराकर अधिकाधिक कृषकों को उक्त पद्धति अपनाये जाने के लिए प्रेरित करना शासन की प्रथम वरीयता है, गौ आधारित प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान किये जाने हेतु हेल्पलाइन स्थापित किये जाने की जानकारी भी किसानों को दी।

पाठशाला में उपस्थित कृषकों को गौ आधारित खेती में उपयोग किये जाने वाले जीवामृत/धन जीवामृत तैयार करने का प्रदर्शन एवं बीजामृत से बीजों का शोधन करने की जानकारी दी गई। खरीफ किसान पाठशाला में प्रतिभाग करने वाले कृषकों को प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए जीवामृत तैयार किये जाने के साथ ही उसके उपयोग की विधि को भी कृषकों से साझा किया।

इस अवसर पर डीडी कृषि ने किसानों को बताया कि पाठशाला में उपस्थित होकर विषय वस्तु विशेषज्ञों व अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा नई-नई जानकारी दी जाएगी। उसे आत्मसात करते हुए उसे अपनी खेती किसानी में शामिल करें ताकि अधिक से अधिक लाभ हो।

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