25 मिनट तक चला एनकाउंटर, ढेर हुए तीन कुख्यात नक्सली
AOBSZC को बड़ा झटका: केंद्रीय समिति सदस्य उदय, पूर्वी डिवीजन सचिव अरुणा और महिला नक्सली अंजू मुठभेड़ में मारे गए

जन एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश।आंध्र प्रदेश पुलिस को नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी मिली है। आलुरी सीताराम राजू जिले में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुए 25 मिनट लंबे एनकाउंटर में माओवादी संगठन के तीन बड़े नेता मारे गए। इसमें केंद्रीय समिति सदस्य गजरला रवि उर्फ उदय, पूर्वी डिवीजन सचिव अरुणा और महिला नक्सली अंजू शामिल हैं।
किंतुकुरु गांव के पास चला ऑपरेशन
यह मुठभेड़ मरेडुमिल्ली और रामपचौड़वरम क्षेत्रों के बीच स्थित किंतुकुरु गांव के पास हुई। सुरक्षाबलों ने जंगल क्षेत्र में 16 माओवादियों के समूह को देखा और उन्हें चारों ओर से घेर लिया। इसके बाद करीब 25 मिनट तक गोलीबारी चली। मुठभेड़ खत्म होने के बाद तीन शव बरामद किए गए, जिनकी पहचान उदय, अरुणा और अंजू के रूप में हुई।
कौन था ‘उदय’?
गजरला रवि उर्फ उदय, उम्र 62 वर्ष, तेलंगाना के वरंगल जिले के वेलिसाला गांव का निवासी था। वह 1980 के दशक में पीपुल्स वॉर ग्रुप (PWG) से जुड़ा और बाद में रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (RSU) का नेता बना। PWG को तेलंगाना में झटके लगने के बाद उसे आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र में भेजा गया।
वह 2004-05 में वाईएस राजशेखर रेड्डी सरकार से शांति वार्ता के लिए आए PWG प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा भी रहा। उसका पूरा परिवार उग्रवाद में लिप्त रहा—पत्नी जमीला, भाई आजाद, और भाभी मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि छोटा भाई आत्मसमर्पण कर चुका है।
कौन थी ‘अरुणा’?
अरुणा, मूल रूप से विशाखापत्तनम के पेंडुर्थी मंडल की रहने वाली थी और लगभग 25 साल पहले माओवादी आंदोलन से जुड़ी थी। वह माओवादी नेता प्रतापरेड्डी रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलापति की पत्नी थी, जिनकी हाल ही में दंडकारण्य क्षेत्र में मौत हो चुकी है।
अरुणा पूर्वी डिवीजन सचिव के रूप में सक्रिय थी और उसका भाई आजाद, गलीकोंडा एरिया कमांडर था, जो 2015 में मारा गया। सूत्रों के मुताबिक, अरुणा हाल के दिनों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझ रही थी।
लगातार कमजोर हो रहा है AOBSZC का नेटवर्क
आंध्र-ओडिशा सीमा विशेष जोनल समिति (AOBSZC) माओवादियों का एक महत्वपूर्ण गढ़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां लगातार सुरक्षाबलों की कार्रवाई के चलते माओवादी नेटवर्क कमजोर होता जा रहा है। इस ताज़ा मुठभेड़ को संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।