स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने की जनहित में आठ बड़ी घोषणाएं
देहरादून । 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां परेड ग्राउंड पर गुरुवार को आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यहित में आठ बड़ी घोषणाएं की है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जनपद में एक स्थानीय निकाय को आदर्श निकाय के रूप में विकसित किया जाएगा। उद्योग, बागवानी तथा कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले काश्तकारों—उद्यमियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः एक लाख, 75 हजार एवं 50 हजार की राशि दी जाएगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के नियमित कर्मचारियों के लिए ‘कर्मचारी व्यक्तिगत ऋण योजना’ लागू की जाएगी। वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, जन्म से दिव्यांग बच्चों को अनुदान एवं परित्यक्ता पेंशन योजना में दी जाने वाली राशि वर्तमान में निर्धारित मासिक पेंंशन चार हजार से बढ़ाकर छह हजार प्रतिमाह किया जाएगा। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास योजनांतर्गत प्रशिक्षण की विषय-वस्तु का निर्धारण जिला कौशल विकास समिति की ओर से स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के समग्र कल्याण के लिए नीति बनाई जाएगी। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने और ट्राउट मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ‘मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ के अंतर्गत मत्स्य विभाग में 200 करोड़ रुपये की योजना शुरू की जाएगी। इसके अलावा राज्य के पशुपालकों को आधुनिक पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से 75 करोड़ रुपये की लागत से सभी जनपदों में एक-एक मॉडल पशु चिकित्सालय स्थापित किए जाएंगे। इससे लगभग 11 लाख पशुपालक परिवारों के पशुधन को सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी।
होम स्टे योजना से बढ़ेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड फिल्म नीति 2024 के अंतर्गत क्षेत्रीय फिल्मों की शूटिंग पर दो करोड़ तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। राज्य में ‘एक जनपद दो उत्पाद योजना’ की शुरुआत के साथ ‘हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड’ शुरू किया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए प्रारंभ की गई ‘होम स्टे योजना’ वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए रेल, रोड और रोप—वे के विस्तार पर लगातार काम चल रहे हैं। हर गांव को हाईवे से जोड़ने और पहाड़ों में रेल पहुंचने का स्वप्न ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के माध्यम से शीघ्र ही साकार होने वाला है। सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर में रोपवे शुरू किया जा चुका है। गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंद घाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास हो चुका है, जिस पर शीघ्र कार्य प्रारंभ हो जाएगा। पर्वतमाला परियोजना के तहत रानीबाग से नैनीताल, पंच कोटि से नई टिहरी, खलियाटॉप से मुन्स्यारी, नीलकंठ, औली से गौरसू रोप—वे व पूर्णागिरि मंदिर रोप—वे परियोजनाओं की प्रक्रिया भी गतिमान है।
तीर्थाटन—पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थाटन एवं पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ है। इसे मजबूत करने के लिए ‘नई पर्यटन नीति’ लाई गई है। पिछली कैबिनेट बैठक में ‘उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना’ को मंजूरी दी गई है। इसके तहत पांच करोड़ रुपये से कम लागत की पर्यटन परियोजनाओं के लिए 80 लाख रुपये से डेढ़ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। केदारखंड और मानसखंड मंदिरमाला मिशन पर तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।
2027 तक 4000 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा प्लांटों से उत्पादन का लक्ष्य
हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के साथ शारदा कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया भी गतिमान है। राज्य में सभी गांवों का शत—प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना प्रमुख है। इसके अंतर्गत 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। नई सौर ऊर्जा नीति के तहत उरेडा द्वारा चिन्हित 1000 गांवों को सोलर ग्राम बनाया जा रहा है। वर्ष 2025 तक 2000 मेगावाट और 2027 तक 4000 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा प्लांटों के जरिए उत्पादित करने का लक्ष्य है।