उत्तर प्रदेश

यूपी लोकनिर्माण विभाग ठेकेदारों पर हुआ मेहरबान

जन एक्सप्रेस/गाजियाबाद। एक तरफ योगी सरकार पारदर्शिता के लगातार दावे कर रही है। गुणवत्तापूर्ण निर्माण और उसके 5 वर्षीय अनुरक्षण को लेकर संविदा को सरकार की उपलब्धि बता रही है। लेकिन अब यही उपलब्धि सरकार के मातहत मानने को राजी नहीं है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख अभियंता (विकास) के नए फरमान से निर्माण विभाग के ठेकेदारों में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा मुख्य अभियंताओं को पत्र जारी करके संविदा में 5 साल अनुरक्षण की सीमा को घटाकर 2 साल पूर्ववत करने का आदेश जारी कर दिया है। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर लोक निर्माण विभाग अपने यहां निर्माण कार्य में लगे ठीकेदारों को बड़ी सौगात दिया है। प्रमुख अभियंता एस पी सिंह के द्वारा जारी पत्र शासन की नीति और निर्धारण में अधिकारियों की हठधर्मिता को भी दिखाता है।

योगी सरकार और उनके मंत्री खराब सड़कों की शिकायत पर अभी तक पंचवर्षीय अनुरक्षण के नाम पर अपना दामन बचाते हुए विपक्ष को करारा जवाब देते थे , लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत कहे अथवा ठेकेदारी तंत्र का विभाग पर भारी पड़ना यह आदेश बड़ा सवालिया निशान योगी सरकार पर लगा रहा है।

ज्ञात हो कि वर्तमान में प्रदेश सरकार महाकुंभ समेत पूरे प्रदेश में सड़क से लेकर अनेकों विकास योजनाओं का खाका तैयार करके सैकड़ों करोड़ की परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने में लगी हुई है। ऐसे में ऐसे आदेश कही न कही प्रशासनिक मिली भगत के आरोप को सही सिद्ध कर रही है।

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