
जन एक्सप्रेस /लखनऊ/ नई दिल्ली: पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने एक बार फिर अपने बयान से सुर्खियां बटोरी हैं। उन्होंने कहा है कि भले ही पाकिस्तान उनकी जन्मभूमि हो, लेकिन भारत उनके लिए मातृभूमि है, और वह इसे मंदिर के समान पवित्र मानते हैं।
“मेरा भाग्य प्रभु श्रीराम के हाथों में है”
कनेरिया ने कहा, “मेरा जीवन और भाग्य अब प्रभु श्रीराम के हाथों में है। उनके आशीर्वाद से मैं और मेरा परिवार सुरक्षित और खुश हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह पाकिस्तान में उन्हें पीसीबी और अधिकारियों की ओर से भेदभाव और दबाव का सामना करना पड़ा, जिसमें जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिशें भी शामिल थीं।
पाकिस्तान में भेदभाव, भारत में सम्मान
दानिश कनेरिया लंबे समय से यह मुद्दा उठाते आए हैं कि उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट में उनके धर्म के कारण बराबरी का दर्जा नहीं मिला। उन्होंने कहा,
“मुझे सिर्फ इसलिए अलग नजरों से देखा गया क्योंकि मैं हिंदू हूं।”
“प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद मेरे साथ है”
दानिश ने विश्वास जताया कि उन्हें हर कठिनाई से प्रभु श्रीराम ने ही निकाला।
“आज मैं जिस स्थिति में हूं, वह सिर्फ भगवान राम के आशीर्वाद से है। मैं भारत और यहां की संस्कृति को प्रणाम करता हूं।”
भारत को बताया सच्चा लोकतंत्र
कनेरिया ने भारत की धार्मिक सहिष्णुता, संविधान और संस्कृति की तारीफ करते हुए कहा, “भारत में हर धर्म को बराबरी का सम्मान है। यहां के लोगों का दिल विशाल है। मुझे यहां जो अपनापन मिला है, वह कभी पाकिस्तान में नहीं मिला।”
दानिश कनेरिया पाकिस्तान के एकमात्र हिंदू क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेला। लेकिन धार्मिक आधार पर उन्हें टीम से बाहर रखने, अनदेखी करने और समाजिक बहिष्कार जैसी कई स्थितियों का सामना करना पड़ा।






