उत्तराखंडहरिद्वार

शांतिकुंज का स्वास्थ्य मिशन – जीवनशैली सुधार से रोग-निवारण पर जोर

जन एक्सप्रेस हरिद्वार। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज द्वारा संचालित स्वास्थ्य आंदोलन मिशन देश में स्वास्थ्य जागरूकता को प्रोत्साहित करने वाला एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान बन गया है। स्वस्थ शरीर, स्वच्छ मन, सभ्य समाज बनाएँगे के मूल जीवन-मंत्र पर आधारित यह मिशन नागरिकों को सरल उपायों और संतुलित जीवनशैली के माध्यम से दीर्घकालिक स्वास्थ्य-सुरक्षा की दिशा में प्रेरित कर रहा है।आंदोलन के अंतर्गत संतुलित आहार-विहार, स्वच्छता, शुद्ध दिनचर्या, नियमित व्यायाम, ऋतु-अनुसार भोजन, जड़ी-बूटियों के उपयोग, घरेलू उपचार और मसाला-वाटिका जैसे व्यावहारिक सूत्रों को जनसामान्य तक पहुँचाया जा रहा है। संगठन का स्पष्ट संदेश है कि अधिकांश रोग गलत आदतों, अव्यवस्था और असंयम के कारण उत्पन्न होते हैं, इसलिए उपचार के बजाय रोग-निवारण को अपनाना अधिक प्रभावी और आवश्यक है।मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए शांतिकुंज द्वारा तनाव, चिंता, क्रोध और अवसाद जैसी समस्याओं के समाधान हेतु योग, ध्यान, जीवन-प्रबंधन और संस्कार-शिक्षा कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य जन-मानस को मानसिक संतुलन एवं भावनात्मक स्वास्थ्य की दिशा में जागरूक करना है। इसके साथ ही अखिल विश्व गायत्री परिवार देशभर में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर, नेत्र शिविर तथा महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित कर रहा है। शांतिकुंज और देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में स्थित चिकित्सालय प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, फिजियोथेरेपी और योग-चिकित्सा के माध्यम से साधारण से लेकर जटिल रोगों तक का प्रभावी उपचार प्रदान कर रहे हैं। शांतिकुंज व देवसंस्कृति विवि द्वारा नियमित रूप से नि:शुल्क रक्तदान शिविर, योग प्रशिक्षण, स्वास्थ्य परीक्षण तथा प्राकृतिक चिकित्सा सत्र भी आयोजित किए जाते हैं, जिनसे प्रतिवर्ष हजारों लोग लाभ उठाते हैं।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी के मार्गदर्शन एवं देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या के मार्गदर्शन में देशभर में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर, नेत्र शिविर, महिला एवं वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य परीक्षण तथा रक्तदान शिविर निरंतर आयोजित हो रहे हैं, जिनसे हर वर्ष हजारों लोग लाभान्वित होते हैं। देव संस्कृति विश्वविद्यालय और शांतिकुंज परिसर में प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, फिजियोथेरेपी एवं योग-चिकित्सा के माध्यम से जटिल रोगों तक का उपचार किया जा रहा है। प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या का संदेश है कि स्वास्थ्य सेवा केवल उपचार नहीं, बल्कि सही जीवनशैली का शिक्षण है।इसी दृष्टिकोण से सात्त्विक आहार, संयमित दिनचर्या, श्रम-व्यायाम और नैसर्गिक नियमों का पालन इस मिशन की आधारशिला बने हुए हैं।

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