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संयुक्त मोर्चा का आरोप, महाप्रबंधक ने रंजिशन करवाया रोडवेज नेताओं का तबादला

हिसार । हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा ने आरोप लगाया है कि डिपो में अपने खिलाफ चल रहे आंदोलन को दबाने के लिए महाप्रबंधक ने अर्ध सरकारी पत्र लिखकर दो कर्मचारी नेताओं के तबादले करवाए हैं। यदि ये तबादले जल्द रद नहीं हुए तो मोर्चा के आह्वान पर किसी भी दिन बड़ा आंदोलन हो सकता है।

सांझा मोर्चा नेताओं इन्द्र सिंह बधाना एवं रमेश श्योकंद ने यह चेतावनी हिसार में महाप्रबंधक के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन के दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कही। कर्मचारियों का धरना शनिवार को नौवें दिन भी जारी रहा, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ सांझा मोर्चा सदस्य इंद्र सिंह बधाना एवं रमेश श्योकंद ने सयुंक्त रूप से की। दोनों नेताओं ने कहा कि शुक्रवार को पूरे हरियाणा में मनाए गए काले दिवस व प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों में जोश व उत्साह है। उन्होंने कहा कि महाप्रबंधक ने जिम्मेवार अधिकारी के तौर पर कर्तव्य निभाने की बजाय रंजिश में दो नेताओं के तबादले करवा दिए, जो निंदनीय है और इस प्रताड़ना की कार्रवाई का पुरजोर विरोध होगा।

इंद्र सिंह बधाना एवं रमेश श्योकंद ने यह भी कहा कि यदि हरियाणा सरकार 23 जून को सांझा मोर्चा को बातचीत के लिए बुलाती है और बातचीत में दो कर्मचारी नेताओं के स्थानांतरण आदेश वापिस लेने के अलावा अन्य मांगे नहीं मानी गई तो 26 जून को पूरे हरियाणा में एक दिन का चक्का भी जाम किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो इस हड़ताल को 2018 की 18 दिन की हड़ताल की तरह अनिश्चितकाल हड़ताल में बदला जा सकता है।

इसी बीच सांझा मोर्चा हिसार डिपो ने यह भी निर्णय लिया गया है कि अगर हमारे हिसार डिपो के कार्यालय में कोई भी बाहरी व्यक्ति आकर सरकारी फाइल एवं दस्तावेज के साथ कोई भी छेड़छाड़ करता है तो उसको बंधक बनाकर हिसार पुलिस चौकी में पुलिस अधिकारियों के सुपुर्द किया जाएगा। नेताओं ने कहा कि आठ जून से अब तक महाप्रबंधक राहुल मित्तल केवल एक बार ही हिसार कार्यालय मे आए है और वे उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं।

इस अवसर पर पूर्व राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा कि महाप्रबंधक और सरकार के अधिकारियों द्वारा डिपो स्तर के लंबित मुद्दों को एवं जिन दो कर्मचारियों के स्थानांतरण नूंह और यमुनानगर किए गए हैं, वो बातचीत करके तुरंत रद्द करवाने चाहिए ताकि इस मुद्दे को राज्य स्तरीय आंदोलन ना बना कर डिपो स्तर पर ही सुलझाया जा सके।

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