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परंपरागत चिकित्सा पद्धति ने नौ साल में लगाई दुनिया में छलांग: आदित्यनाथ

मेरठ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज आयुर्वेद का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। परंपरागत चिकित्सा पद्धति ने नौ वर्ष के अंदर दुनिया में लंबी छलांग लगाई है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों- योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी आदि को लेकर आयुष मंत्रालय का गठन किया।

मुख्यमंत्री योगी ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में शनिवार से आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के कारण 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मना रही है। दुनिया के सभी देशों में प्रत्येक कस्बे, शहर, प्रांत में लोग योग की क्रिया से जुड़ते हैं। आयुर्वेद को पूरी दुनिया के सामने लाने के प्रधानमंत्री के प्रयासों का परिणाम आज हमारे सामने है। प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय का संचालन हो गया है। कोरोना जैसी महामारी में लोगों ने आयुर्वेद के महत्व को समझा है।

इसके पहले, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन पहुंचे। वहां पर भाजपा नेताओं ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद वहां से दोनों नेता विश्वविद्यालय परिसर में स्थित नेताजी सुभाष चंद्र प्रेक्षागृह पहुंचे। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय को शुक्रवार को नैक की ए-प्लस प्लस ग्रेडिंग मिलने पर बधाई भी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। कोरोना काल में दुनिया ने आयुर्वेद का महत्व देखा और समझा। एक एमबीबीएस डॉक्टर को हॉस्पिटल चलाना मुश्किल होता है, लेकिन बीएएमएस डॉक्टर आसानी से अपना क्लीनिक चला सकता है। बीएएमएस डॉक्टर के लिए सरकारी नौकरी भी तैयार है और अगर वह खुद को किसानों के साथ भी एफपीओ के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती करवा सकता है। इससे वह किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी योगदान दे सकता है। आयुर्वेद पूरे विश्व में छाने को तैयार है। आयुर्वेद को आगे बढ़ाने का कार्य जारी है।

कार्यक्रम संयोजक राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, वैद्य मनोज नेसरी, डॉ. ब्रजभूषण शर्मा, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह, राज वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा, राजस्थान की आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जयपुर के कुलपति प्रो. प्रदीप प्रजापति, सीसीएसयू की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला आदि उपस्थित रहे। इस आयुर्वेद महासम्मेलन में 300 से ज्यादा आयुर्वेदाचार्य भाग ले रहे हैं। पहले दिन दोपहर दो से पांच बजे तक ओपीडी में रोगियों का निःशुल्क उपचार किया गया।

आयुर्वेद सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष वैद्य गोपाल दत्त शर्मा ने बताया कि आयुष मंत्रालय की तरफ से देशभर में ऐसे आयोजन होते हैं। यह चौथा आयोजन मेरठ में हो रहा है। मेरठ में इस तरह का पहला आयोजन है।

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