विदेश

आखिर क्यों जिनपिंग की ताजपोशी से मची है दुनिया भर में खलबली?

राष्ट्रपति जल्द ही घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि शी जिनपिंग की ताजपोशी को लेकर दुनियाभर में खलबली मची हुई है। दुनिया के कई देशों में टेंशन है।  कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की 20वीं नेशनल कांग्रेस ऐसे वक्त में हो रही है कि जब शी चिनफिंग के तथा व्यापक पाबंदियों और लॉकडाउन के जरिए कोविड-19 को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की उनकी नीति के खिलाफ विरोध के सुर उठे हैं जो अपने आप में विरले है। इन पाबंदियों के कारण दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी आ रही है।

साउथ चाइना सी

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पूरे साउथ चाइना सी पर जापान का कब्जा था। जापान जंग हारा तो चीन ने समुंद्र के इस टुकड़े पर कब्जा कर लिया। दशकों से चीन साउथ चाइना सी पर अपना दावा ठोकता आया है। खासकर जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद बारूद और धधकने लगा। जिनपिंग की ताजपोशी से आक्रमकता और बढ़ सकती है। इसकी वजह है कि चीन साउथ चाइना सी में किसी का दखल नहीं चाहता है।

ताइवान पर चीन की नजर

जिनपिंग की ताजपोशी से ताइवान भी टेंशन में है। ऐसा इसलिए कि चीन और ताइवान के बीच की तल्खी बहुत पुरानी है। चीन ताइवान पर अपना हक जमाता आया है। जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद से ही ताइवान की फिजाओं में दहशत है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद चीनी आक्रामकता और बढ़ी। ताइवान के बॉर्डर पर रेड आर्मी का बड़ा मूवमेंट भी देखा गया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में शी जिनपिंग ने अपने इरादे भी जाहिर कर दिया। उन्होंने कहा कि ताइवान को अपने देश में शामिल करने के लिए चीन कुछ भी करेगा। चाहे इसके लिए अपनी सेना भी ताइवान में उतारनी पड़े तो चीन इससे पीछे नहीं हटेगा।

एलएसी पर बढ़ेगा तनाव

जिनपिंग की ताजपोशी भारत के लिए भी खतरे की घंटी है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दस सालों में चीन की दादागिरी की पूरी पिक्चर भारत ने देखी भी और झेली भी है। जिनपिंग के ही सत्ता के दौर पर पहली दफा हिंसक झड़प देखने को मिली। इसी के साथ पिछले 40 सालों में पहली बार एलएसी पर गोली भी चली। लद्दाख में पैंगोंग लेक झील पर पुल बनाने से लेकर अरुणाचल में रेलवे नेटवर्क तैयार करना चीन की साजिशों का सबूत है।

अमेरिका से बढ़ेगी और तल्खी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से साफ कहा गया है कि चीन की तरफ से ताइवान को लेकर की गई किसी भी हरकत की स्थिति में अमेरिका उसकी सुरक्षा करेगा। अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के  बाद से ही अमेरिका और चीन के संबंध बेहद तल्ख हैं। दोनों ही तरफ से बयानबाजी और धमकी का दौर लगातार जारी है।  जिनपिंग ने कांग्रेस अधिवेशन के पहले दिन ही साफ कर दिया की ताइवान में विदेशी दखल बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चीन में जिनपिंग के खिलाफ विद्रोह

पांच साल में एक बार होने वाली इस कांग्रेस के मद्देनजर सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों में राजधानी बीजिंग के उत्तर पश्चिम में ऐसे बैनर लटके हुए देखे गए जिसमें शी की कोविड नीति और निरंकुश शासन का विरोध किया गया था।

JAN EXPRESS

जन एक्सप्रेस न्यूज़ – सच दिखाने की ज़िद हमारा उद्देश्य है आपको सही और निष्पक्ष खबरों से जोड़ना। जन एक्सप्रेस न्यूज़ यूट्यूब चैनल पर आप पाएंगे ताजा खबरें, विशेष रिपोर्ट, और सामाजिक मुद्दों पर गहन विश्लेषण। यहां हर खबर को पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ पेश किया जाता है। हम आपकी आवाज़ को बुलंद करने और समाज के हर कोने से जुड़ी सच्चाई को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राजनीति, समाज, शिक्षा, और मनोरंजन से जुड़ी हर खबर के लिए जुड़े रहें जन एक्सप्रेस न्यूज़ के साथ। 📢 सच दिखाने की ज़िद, हर सच के साथ! सब्सक्राइब करें और हर खबर से अपडेट रहें।
Back to top button