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भाजपा सरकार की लापरवाही से लोगों को करना पड़ा बाढ़ का सामना: भूपेंद्र हुड्डा

फरीदाबाद । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि यमुना के जलस्तर बढऩे से फरीदाबाद से सटे गांवों व कालोनियों में भारी नुकसान हुआ है। लोगों के मकान टूट गए, फसलें नष्ट हो गई और पशुधन की भी हानि हुई है। छोटे व्यापारी भी इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं। वे शुक्रवार को तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले यमुना प्रभावित गांव मंझावली, घरौंडा, अरुआ, चांदपुर, फज्जूपुर, नचौली, अमीपुर में बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान हुड्डा ने बाढ़ पीडि़तों से मिलकर उनका दुख बांटते कहा कि कांग्रेस पार्टी इस दुख की घड़ी में पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अवैध माइनिंग के चलते यमुना का रास्ता बदल गया, जिसके चलते इस आपदा का सामना लोगों को करना पड़ा, क्योंकि हथिनीकुंड बैराज से इस बार तीन लाख 80 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, जबकि वर्ष 2006 में आठ लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, यह सरकार को प्रशासन की लापरवाही का ही नतीजा है, जो लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आपदा के इस समय में सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिए, लेकिन जो मुआवजा राशि सरकार ने घोषित की है, वह नाकाफी है। उन्होंने कहा कि जिस लोगों की फसल नष्ट हुई है, उन्हें 15 हजार प्रति एकड़ की बजाए 40 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए वहीं जिनके मकान नष्ट हुए है, उन्हें नए मकान दिए जाने चाहिए। जिन लोगों की इस आपदा में मौत हुई है, उन्हें 4 लाख की जगह 20 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए।

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट कर दिया था, इसके बावजूद हरियाणा व दिल्ली की सरकारें सोती रही, नतीजतन लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ा। मणिपुर की घटना को पूर्व मुख्यमंत्री श्री हुड्डा ने शर्मनाक बताते हुए कहा कि इस मामले में कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि इस घटना ने देश को शर्मसार कर दिया है। भाजपा सरकार पर हल्ला बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन पर है, मौजूदा आंकड़े जो सरकार ने पॉलियामेंट में पेश किए है, उसके अनुसार आज हरियाणा में बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत है, जबकि वर्ष 2013-14 में 2.9 प्रतिशत थी। 2013-14 में प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, कानून व्यवस्था में हरियाणा पूरे देश में नंबर वन था, जबकि अब बेरोजगारी, महंगाई, अपराध में नंबर है।

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