घूसखोरी की गूंज से रुके तबादले
89 सब रजिस्ट्रार, 114 लिपिकों की लिस्ट पर लगी रोकv

जन एक्सप्रेस/लखनऊ: स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग में एक बार फिर घोटाले की बू! रजिस्ट्रार तबादलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। लखनऊ में 89 सब रजिस्ट्रार और 114 लिपिकों के तबादले फिलहाल स्थगित कर दिए गए हैं। मामला सीधे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा, जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया।
उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने ट्रांसफर आदेश पर तत्काल रोक लगाते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि तबादलों की सूची में पैसे लेकर नाम जोड़ने और हटाने की शिकायतें आई थीं।
इस पूरे प्रकरण में एआईजी स्तर के अधिकारी समेत आधा दर्जन अफसरों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। प्रमुख सचिव अमित गुप्ता ने तत्काल संज्ञान लेते हुए आईजी स्तर के अधिकारी द्वारा किए गए तबादला आदेश को भी रद्द कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो यह घोटाला कई करोड़ का हो सकता है और विभागीय रैकेट के इशारे पर तबादलों की सूची बनाई गई थी। शिकायत मिलते ही इसे सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया, जिससे शासन में हलचल मच गई।
क्या है आगे?
अब इस मामले में विभागीय जांच शुरू हो चुकी है। जल्द ही कई बड़े चेहरों पर गाज गिर सकती है। घूस के दम पर किए गए तबादलों की फाइलें खंगाली जा रही हैं और डीलिंग क्लर्कों से लेकर अधिकारियों तक की कॉल डिटेल्स और लेन-देन की जानकारी जुटाई जा रही है।
बहरहाल इस समय ट्रांसफर पोस्टिंग बन गई ‘बाजार’, पैसे लेकर सेटिंग – अब बड़े अफसरों की कुर्सी हिलने की बारी!”






