महंगाई राहत शिविरों के नाम पर करोड़ों की बर्बादी- भाजपा

कोटा । गहलोत सरकार द्वारा राजस्थान में सोमवार से प्रारंभ हुए महंगाई राहत शिविरों को भाजपा विधायकों ने झूठी वाहवाही लूटने वाला ढकोसला बताया है। भाजपा विधायक मदन दिलावर, संदीप शर्मा, कल्पना देवी, अशोक डोगरा और चंद्रकांता मेघवाल ने कहा कि शिविरों पर अनावश्यक करोड़ों रुपए का सरकारी धन खर्च करने की बजाय इस राशि को अधूरे कार्यों को पूरा करने पर खर्च किया जाना चाहिए था।
भाजपा विधायकों ने कहा कि जिन लुभावनी योजनाओं के लिए पंजीयन किया जा रहा है, उनका ऑनलाइन रिकॉर्ड सरकार के पास पहले से हैं। घरेलू उपभोक्ता को 100 यूनिट बिजली और कृषि कनेक्शनों पर 2000 युनिट मुफ्त बिजली के लिए उपभोक्ताओं से बिजली कनेक्शन नम्बर मांगे जा रहे हैं, जो बिजली वितरण कंपनियों के पास पहले से है। इसी तरह, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की बढ़ी हुई बीमा राशि 25 लाख रुपये, मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना की बढ़ी हुई बीमा राशि 10 लाख, मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना (1000 रुपये पेंशन प्रतिमाह) के लिए जनआधार नम्बर मांगे जा रहे हैं, जबकि सच तो यह है कि इन सभी योजनाओं का लाभ जनआधार नम्बर पर ही मिल रहा है।
विधायकों ने कहा कि इस तरह के शिविर लगाकर सरकार का मकसद लोगों को लाभान्वित करना नहीं बल्कि झूठी वाहवाही लूटना मात्र है। अपने प्रचार के लिये गहलोत सरकार भीषण गर्मी में आम जनता को लाइनों में खड़ा कर रही है। इन शिविरों में मुख्य भूमिका निभाने वाले मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सूचना सहायक सहित कई अन्य वर्गों के कर्मचारी भी हड़ताल पर जाने की तैयारी में है। ऐसी परिस्थिति में शिविरों में समय पर काम कैसे होंगे।
भाजपा विधायकों ने कहा कि गहलोत सरकार ने पिछले बजट में भी अनेक लुभावनी घोषणाएं की थीं जो अभी तक लागू नहीं हुई हैं। इस वर्ष भी आम चुनाव को देखते हुये राज्य सरकार ने झूठे वादों की झडी लगा दी।