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जातिगत आरक्षण के नाम पर गुमराह रही कांग्रेस

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झारखंड के खूंटी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया। राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा आये दिन जातिगत जनगणना कराने की मांग की जाती है। साल 2011 में एक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना हुआ था जिसमें करीब 46 लाख जातियां, उपजातियां और गोत्र निकल कर आये थे। यह संख्या इतनी विशाल थी कि रिपोर्ट सार्वजनिक नही हुई। उन्होंने सावाल किया कि यह जाति का पिटारा खोल कर कांग्रेस क्या करना चाहती है और किसका आरक्षण काटना चाहती है।

राजनाथ ने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी से पूछना चाहता हूं कि हजारों लाखों की संख्या में जो जातियां है उनके कल्याण के लिए उनको आरक्षण देने के लिए आपके पास क्या ब्लू प्रिंट है, क्या रोड मैप है? उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी जातिगत आरक्षण के नाम पर गुमराह कर रही है। इनके नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि आप अलग अलग जातियों के लिये आरक्षण के लिए क्या व्यवस्था करेंगे। जब तक ये जवाब न दें तब तक इनको समर्थन नहीं दिया जाना चाहिये।

भाजपा नेता ने कहा कि झारखंड में अवैध घुसपैठिए आ गये हैं। हालात इतने ख़राब हैं कि स्कूलों में सरस्वती वंदना तक पर रोक लगानी पड़ी है। अब यहाँ तीज-त्योहारों में भी पत्थरबाजी की घटनायें होने लगी हैं। झारखंड में सांप्रदायिकता का ज़हर तेज़ी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने नक्सलवाद के ख़िलाफ़ पूरे देश में प्रभावी कारवाई की जिसके परिणामस्वरूप आज झारखंड समेत देश के अधिकांश ज़िलों में से नक्सली हिंसा लगभग समाप्त हो गई है। देश में नक्सलवाद ख़त्म होकर रहेगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में एक आदिवासी, नॉर्थ-ईस्ट से आने वाले पीए संगमा को उम्मीदवार बनाया था, तो 2017 में दलित समाज के रामनाथ कोविंद जी को बनाया। आज आदिवासी समाज की एक बेटी भारत की राष्ट्रपति बन चुकी हैं।

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