कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर विधानसभा से छह महीने के लिए निलंबित

जयपुर । विधानसभा में भारी हंगामे के बीच मंगलवार काे कांग्रेस विधायक (लाडनूं) मुकेश भाकर को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इससे पहले सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भाकर को छह महीने के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंजूर कर दिया गया।
मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को छह महीने के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि भाकर को पांच अगस्त को निलंबित करने के बाद सदन से चले जाना चाहिए था। अध्यक्ष ने उन्हें बार-बार सदन से जाने को कहा, लेकिन उन्होंने आदेशों की अवहेलना की। जब उन्हें बलपूर्वक बाहर भेजने का प्रयास किया, मार्शल बुलाए तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों के हाथ पर काट खाया, उनमें एक महिला सुरक्षाकर्मी थीं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। गर्ग ने कहा कि विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 292-3 में यह प्रावधान है कि निलंबित विधायक को तत्काल सदन की सीमाओं से बाहर चले जाना चाहिए। लेकिन भाकर ने अब तक ऐसा नहीं किया। पूरा प्रतिपक्ष उन्हें संरक्षण दे रहा है। ऐसे अभद्र व्यवहार करने वाले को इस सदन का सदस्य रहने का हक नहीं है।
निलंबन के बाद मुकेश भाकर ने कहा कि यह फैसला भाजपा के दबाव में लिया गया। हम कानून मंत्री के बेटे की गलत तरीके से नियुक्ति के बारे में बात करना चाहते थे। पहले अध्यक्ष ने कहा कि आप सीट पर जाएं, मैं व्यवस्था देता हूं। हम सीट पर गए तो अध्यक्ष ने कहा कि आप लिखित में दीजिए, मैं परीक्षण करके कल समय दूंगा। जब नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे तो भाजपा नेता बीच में खड़े होकर बोलने लगे। मैंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बोल रहा है तो आपको अधिकार नहीं है। उतने में पूरी भाजपा खड़ी हो गई। अध्यक्ष साहब पहले से तय करके आए थे, पहले भी दो-तीन बार टोक चुके थे। विधानसभा में भाजपा सरकार फेल हो रही है, मंत्री जवाब नहीं दे पा रहे थे। उसका बचाव करने की जिम्मेदारी अध्यक्ष ने अपने ऊपर ली। अध्यक्ष पहले से बार-बार ये कह रहे थे कि यूनिवर्सिटी से आए छात्र नेता सुधर जाओ, तुम्हें सस्पेंड कर दूंगा। बिना वोटिंग जल्दबाजी में सस्पेंशन हुआ। मार्शलों ने हमारी महिला विधायकों के साथ जिस तरीके का बर्ताव किया, जैसा सड़क पर झगड़ा होता है, वैसी नौबत आई।
इससे पहले विधानसभा में मंगलवार काे बजट सत्र के आखिरी दिन की कार्यवाही भी हंगामे के साथ शुरू हुई। सोमवार से धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन रद्द करने पर अड़े रहे। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच विधानसभा में आपदा प्रबंधन पर बहस हुई थी।
भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने बहस की शुरुआत की थी। कांग्रेस विधायक वेल में रामधुनी और बीच-बीच में नारेबाजी करते रहे। विपक्ष कानून मंत्री का इस्तीफा भी मांग रहा था। विपक्ष की नारेबाजी पर अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा था कि पहले निलंबित विधायक को बाहर भेजिए और प्रश्नकाल चलने दीजिए। फिर बात सुनी जाएगी। उधर, दिनभर विधानसभा में लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को निलंबित करने के मुद्दे पर गतिरोध बना रहा। मंगलवार को विधानसभा में आपदा प्रबंधन पर हंगामे के बीच बहस जारी थी। इसी दौरान विधानसभा देवनानी कुछ देर के लिए सदन से अपने चैंबर में गए। वहां विचार-विमर्श किया और वापस सदन में आए। इसके बाद मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने उनसे कुछ चर्चा की।