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राज्य के निर्यात व्यापार को बढाने के लिए सतत प्रयास- रावत

भीलवाड़ा । राज्य के भीलवाड़ा क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा देने और पोर्ट तक कन्टेनर लॉजिस्टिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार के उपक्रम ‘राजस्थान लघु उद्योग निगम‘ द्वारा भीलवाड़ा में इनलैण्ड कंटेनर डिपो (आईसीडी) का नवीनीकरण एवं पुनर्संचालन समारोह शनिवार को आयोजित किया गया। समारोह में राजस्थान सरकार की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री, शकुंतला रावत और राजस्व मंत्री, रामलाल जाट और राजसिको के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने हरी झंडी दिखा कर कंटेनर्स रवाना किये।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री, शकुंतला रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के निर्यात व्यापार को बढाने के लिए सतत प्रयास किये जा रहें हैं। ‘मिशन निर्यातक बनो‘ के अन्तर्गत निर्यातकों को विदेशों में निर्यात के लिए पोर्ट तक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राजसिको के माध्यम से ड्राई पोर्ट की स्थापना की गई है। औद्योगिक नगरी भीलवाडा के औद्योगिक संगठनों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने यहां आईसीडी के पूर्नसंचालन का निर्णय लिया है। शकुंतला रावत ने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय बजट 2022-23 में 95 करोड़ रूपयों की लागत से जोधपुर आईसीडी के विस्तारीकरण हेतु घोषणा की है। जोधपुर के सालावास रेलवे स्टेशन के समीप 18.6559 हैक्टेयर एरिया में रेल लिंक वाले नवीन एवं आधुनिक इनलैण्ड कन्टेनर डिपो की स्थापना की जा रही है।

राजस्व मंत्री, रामलाल जाट ने काफी दिनों से बंद पड़े आईसीडी के नवीनीकरण एवं पुनर्संचालन के लिए राजीव अरोड़ा को धन्यवाद एवं बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि यह आईसीडी भीलवाड़ा के उद्योगपतियों के लिए एक सौगात है। आधुनिक तरीके से बने इस आईसीडी को आरम्भ कर राज्य सरकार ने उद्योगपतियों की समस्याओं का निवारण किया है।

राजीव अरोड़ा ने बताया कि किसी भी राज्य की प्रगति में औद्योगिक विकास सबसे महत्वपूर्ण घटक होती हैं। औद्योगिक ईकाईयों द्वारा तैयार उत्पादों का विपणन देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर किए जाने से प्रगति सुनिश्चित होती है। वर्ष 2010 से बंद आईसीडी भीलवाड़ा के पुनर्संचालन हेतु राजसिको द्वारा विगत तीन वर्षों से नवीनीकरण का प्रयास किया जा रहा था। इस आईसीडी से प्रारंभ में प्रतिमाह 300 से 400 कन्टेनर के निर्यात व्यापार की संभावना है, जिसके अतिशीघ्र आगामी 3 माह में 500 कन्टेनर तक होने की संभावना है। इसके संचालन से भीलवाडा टैक्सटाइल उद्योग, पत्थर एवं खनिज उद्योग एवं अन्य निर्यातमुखी औद्योगिक ईकाईयों को लॉजिस्टीक सुविधा उपलब्ध हो सकेगी और भीलवाडा के साथ-साथ माण्डलगढ, विजयनगर, गुलाबपुरा, शाहपुरा, बूंदी, चित्तौडगढ क्षेत्र के निर्यातकों को भी विशेष लाभ प्राप्त होगा।

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