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पंजाब में कांग्रेस और आप के इके रिश्ते में विवाद….

आगामी लोकसभा चुनाव  में बीजेपी (BJP) का मजबूती से मुकाबला करने के लिए बनी इंडिया गठबंधन में कुल 28 पार्टियां शामिल हैं. इसमें आम आदमी पार्टी भी शामिल है. वहीं इंडिया गठबंधन की मुख्य पार्टी एक तरह से कांग्रेस है. आप की दिल्ली और पंजाब में सरकार है. वहीं गुजरात और गोवा में पार्टी के पास विधायक हैं. साथ ही राज्यसभा में 10 और पंजाब से एक लोकसभा सांसद है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इंडिया गठबंधन में आप महत्वपूर्ण दल है. लेकिन, इन दिनों आप और कांग्रेस में खासकर पंजाब में ठनी हुई है.

पंजाब में ड्रग्स मामले में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खेहरा की गिरफ्तारी के बाद दोनों ही पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर हमलावर हैं. सुखपाल सिंह खेहरा की गिरफ्तारी को जहां कांग्रेस सत्ता के दुरुपयोग और प्रतिशोध बता रही है, वहीं आप का कहना है कि ये कार्रवाई किसी दल या नेता के खिलाफ नहीं, बल्कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई को लेकर है.

आप के साथ गठबंधन का भी हो रहा विरोध

इसकी वजह से कांग्रेस और आप के बीच विवाद बढ़ा हुआ है. हालांकि, तानातनी पहले भी थी लेकिन सुखपाल सिंह खेहरा की गिरफ्तारी के बाद मामला और खराब हो गया है. यहां तक कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और पार्टी नेता प्रताप सिंह बाजवा 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए आप के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं. वहीं कुछ नेता अभी भी गठबंधन के पक्ष में हैं. इसमें कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का नाम शामिल हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि इंडिया गठबंधन एक ऊंचे पहाड़ की तरह खड़ा है. यहां और वहां कोई भी तूफान इसकी भव्यता को प्रभावित नहीं करेगा. हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस ढाल को तोड़ने और तोड़ने का कोई भी प्रयास निरर्थक साबित होगा. पंजाब को यह समझना चाहिए कि यह भारत के प्रधानमंत्री को चुनने का चुनाव है, न कि पंजाब के मुख्यमंत्री का.

अरविंद केजरीवाल भी दे चुके हैं गठबंधन पर बड़ा बयान

यही नहीं पंजाब में कांग्रेस और आप के बीच चल रहे विवाद के बावजूद पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को विपक्षी गुट इंडिया के प्रति पार्टी की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की. ड्रग संबंधी आरोप में विधायक सुखपाल खेहरा की गिरफ्तारी पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर तनाव कम करने की कोशिश की कि आप इंडिया के प्रति दृढ़ता से समर्पित है और हम इंडिया गठबंधन से अलग नहीं होंगे.

इसके बाद भी अगर मामला बढ़ता है तो आप और कांग्रेस के बीच के रिश्ते में खटास आ सकती है. ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है कि दिल्ली में पहली बार आप ने कांग्रेस के सहयोग से ही दिल्ली में सरकार बनाई थी. लेकिन, कुछ दिनों के बाद ही आप ने खुद ही सरकार गिरा दी थी और चुनाव में जाने का फैसला किया था. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का सुखपाल सिंह खेहरा की गिरफ्तारी पर आक्रमक रुख भी कहीं न कहीं एक संदेश देने की कोशिश की जा रही है

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