डीएम को बेसिक विद्यालयों की निगरानी करने का कोई अधिकार नहीं : हाईकोर्ट
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संभल के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी एक शिक्षक के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया
जन एक्सप्रेस/लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संभल के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी एक शिक्षक के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), जो मुख्य रूप से राजस्व अधिकारी है, को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्थापित विद्यालयों की निगरानी करने का कोई अधिकार नहीं है।
निलंबन आदेश डिप्टी कलेक्टर और खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा डीएम के निर्देशों के तहत किए गए निरीक्षण के बाद प्रस्तुत संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया था। अदालत का यह निर्देश शिक्षिका संतोष कुमारी द्वारा इस वर्ष 25 अक्टूबर को जारी निलंबन आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आया।
डीएम से मांगा व्यक्तिगत हलफनामा
अदालत ने संभल के डीएम को एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है, जिसमें कारण बताएं कि उन्होंने बेसिक शिक्षा बोर्ड द्वारा स्थापित एक बुनियादी स्कूल के कामकाज और पर्यवेक्षण में हस्तक्षेप क्यों किया, जिसके कारण 25 अक्टूबर, 2024 को यह आदेश दिया गया।
बीएसए ने डीएम को हस्तक्षेप करने की अनुमति क्यों दी
अदालत ने संभल के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को यह बताने का निर्देश दिया कि उन्होंने डीएम को “जिले में अपने नियंत्रण में एक बुनियादी स्कूल के प्रबंधन और पर्यवेक्षण में हस्तक्षेप करने” की अनुमति क्यों दी।
नियमित रूप से वेतन का भुगतान किया जाएगा
अदालत ने 12 दिसंबर को पारित अपने आदेश में कहा, “इस अदालत के अगले आदेश तक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, संभल द्वारा पारित दिनांक 25.10.2024 के विवादित आदेश का संचालन निलंबित रहेगा और याचिकाकर्ता को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अनुमति दी जाएगी और उसे नियमित रूप से वेतन का भुगतान किया जाएगा। इस आदेश को रजिस्ट्रार (अनुपालन) द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, संभल के माध्यम से जिला मजिस्ट्रेट, संभल और बेसिक शिक्षा अधिकारी, संभल को 24 घंटे के भीतर सूचित किया जाना चाहिए।”
सुनवाई की अगली तारीख 7 जनवरी
अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 7 जनवरी, 2025 तय की और कहा कि सभी हलफनामे प्रस्तुत किए जाएं और तब तक कार्यालय द्वारा की गई दलीलों की स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट पेश की जाए।
डिप्टी कलेक्टर का विवादित आदेश अवैध
अदालत ने आगे कहा कि “प्रथम दृष्टया, 25.10.2024 का विवादित आदेश एक से अधिक कारणों से घोर अवैध है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्कूल का निरीक्षण जिला मजिस्ट्रेट, संभल के निर्देश और आदेश पर या बल्कि उनके प्रतिष्ठान में एक डिप्टी कलेक्टर के माध्यम से उनके आधिकारिक हस्तक्षेप पर किया गया था, जिन्हें बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्थापित बेसिक विद्यालयों का निरीक्षण करने का कोई अधिकार नहीं है।
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