उत्तर प्रदेशकौशांबीटॉप न्यूज़ट्रेंडिंग

जंगल में प्यास से तड़प रहे जंगली जानवर, नीलगाय हुई बेहोश – अब मचा हड़कंप!

जन एक्सप्रेस कौशांबी। तपती धरती, जलता जंगल और प्यास से बेहाल जानवर! सरसवां ब्लॉक के बड़हरी जंगल में फैली सूखी भन्नई (भरत) नदी अब जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए प्यास की कब्रगाह बन चुकी है। इस सात किलोमीटर लंबी नदी का एक-एक कतरा सूख गया है और जंगली जानवर तड़प रहे हैं। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि जंगल में नीलगाय तक बेहोश मिल रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही पानी नहीं छोड़ा गया तो पशु-पक्षी दम तोड़ देंगे या पानी की तलाश में गांवों की ओर कूच कर देंगे — जिससे गांवों में दहशत फैल सकती है।

भन्नई नदी का उद्गम बड़हरी गांव के मजरा देवरी में होता है। यह नदी बड़हरी के जंगल को चीरती हुई प्रभाषगिरी पर्वत के पास यमुना से मिलती है। लेकिन दो महीने पहले की गई खोदाई के बाद अब यह नदी सिर्फ सूखी रेत का रास्ता बनकर रह गई है।

नीलगाय बेहोश, कौवे कराहते, बुलबुल बेआवाज़ — जंगल की चीख सुनाई नहीं देती, पर है बेहद डरावनी।
बड़हरी के राजू गौतम ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें जंगल में एक नीलगाय बेहोशी की हालत में मिली। उन्होंने बोतल से पानी डाला तो वह किसी तरह उठी और भागी। गांव के मुन्ना तिवारी, लल्लन तिवारी और रामनारायण त्रिपाठी जैसे दर्जनों ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी अपने चरम पर है और अब नदी में पानी छोड़ना बेहद जरूरी हो गया है।

“अगर अब नहीं चेते तो जंगल के जानवर आबादी में घुसेंगे और हो सकता है कि बड़ा हादसा हो!”
गांव के नजदीक दो सरकारी और दस किसान नलकूप हैं। ग्रामीणों का सुझाव है कि इनसे पानी खींचकर नदी में डाला जाए तो जानवरों की जान बच सकती है। इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) अजीत कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि “BDO और प्रधानों के साथ मिलकर समाधान खोजा जाएगा ताकि जल्द से जल्द पानी नदी तक पहुंचे।” अब सवाल ये है — क्या जिम्मेदार जागेंगे या जंगल का जीवन यूं ही प्यास से तड़पता रहेगा?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button