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जौनपुर में अधिवक्ता की पीट-पीटकर हत्या: पट्टीदारों ने ही ली जान

पिपरी गांव की सनसनीखेज वारदात, हत्या से अधिवक्ताओं में रोष, दोषियों की गिरफ्तारी की मांग तेज

जन एक्सप्रेस/जौनपुर: जिले के तेजी बाजार थाना क्षेत्र के पिपरी गांव में सोमवार रात दिल दहला देने वाली वारदात हुई। मात्र दो माह पूर्व बार काउंसिल उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुए नवप्रवेशित अधिवक्ता रणजीत विश्वकर्मा की पट्टीदारों ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी। रणजीत वरिष्ठ अधिवक्ता राम उजागिर विश्वकर्मा के भतीजे थे। इस हृदयविदारक हत्या ने एक बार फिर जिले की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पारिवारिक विवाद बना खूनी संघर्ष का कारण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रणजीत का अपने पट्टीदारों से किसी पारिवारिक विवाद को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। सोमवार रात यह विवाद इतना उग्र हो गया कि मारपीट खूनी हिंसा में तब्दील हो गई। हमलावरों ने रणजीत पर लाठियों से अंधाधुंध प्रहार किए, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

पुलिस मौके पर एफआईआर दर्ज, लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों की तहरीर पर संबंधित पट्टीदारों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे लोगों का गुस्सा और भी भड़क गया है।

अधिवक्ता संघ में उबाल, न्याय व्यवस्था को चुनौती
इस निर्मम हत्या के बाद जिलेभर के अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश है। अधिवक्ता संघ ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि अगर एक वकील ही अपने गांव में सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। संघ ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को सुरक्षा व मुआवजे की मांग की है।

प्रशासन पर सवालों की बौछार
लगातार हो रही आपराधिक घटनाएं यह साफ संकेत देती हैं कि जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और कानून का डर कहीं दिखाई नहीं देता। क्या एक युवा अधिवक्ता को न्याय दिला पाएगा सिस्टम? या फिर यह मामला भी फाइलों की धूल में गुम हो जाएगा?

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