उत्तराखंड

विधानसभा बैकडोर भर्ती पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी का एक्शन

उत्तराखंड: विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने वर्ष 2016 के बाद विधानसभा में हुई सभी बैकडोर भर्तियों को निरस्त कर दिया है। इसकी जद में कुल 228 कर्मचारी आ रहे हैं, इसके अतिरिक्त उपनल के जरिए नियुक्त 22 कर्मचारियों की नियुक्ति भी रद्द कर दी गई है। इस तरह इस अवधि में कुल 250 भर्तियों को निरस्त किया गया है।

विधानसभा में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में स्पीकर ऋतु खंडूडी ने लिखा हुआ बयान पढ़ते हुए कहा कि बैकडोर भर्ती की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति ने गुरुवार देर रात उन्हें अंतिम रिपोर्ट सौंपी। इसी रिपोर्ट की संस्तुति के अनुसार वो 2016 के बाद नियुक्त सभी तदर्थ नियुक्तियों को रद्द कर रही हैं।

विदित है कि आपके अपने प्रिय अखबार हिन्दुस्तान ने तीन सितंबर के अंक में पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई भर्तियों को निरस्त करने की तैयारी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। स्पीकर खंडूड़ी ने दो टूक स्वीकार किया कि साल 2016, 2020 और 2021 में हुई तदर्थ नियुक्तियां में अनियमितताएं बरती गई थी, इसके लिए निर्धारित नियमों का भी पालन नहीं किया गया।

अलग कोर्ट से नियम विरुद्ध भर्तियों को लेकर आए आदेशों के आधार पर इन तदर्थ नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की सिफारिश की है। इसी क्रम में उन्होंने 2016 की 150 तदर्थ नियुक्तियों के साथ ही 2020 की छह और 2021 की 72 नियुक्तियों को निरस्त करने का निर्णय लिया है।

शासन से होगा औपचारिक आदेश
खंडूडी ने बताया कि चूंकि इन तदर्थ नियुक्तियों का अनुमोदन शासन स्तर से हुआ है, इसलिए नियमानुसार इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए वो शासन को पत्र लिख रही हैं। शासन का अनुमोदन मिलने के बाद सभी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएंगी। इसी के साथ उपनल द्वारा की गयी 22 नियुक्तियों को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। इसी तरह अन्य 32 पदों के लिए चल रही भर्ती भी एजेंसी के विवादित होने के कारण निरस्त कर दी गई है। इस परीक्षा के आवेदकों की फीस लौटाई जा सकती है।

सचिव मुकेश सिंघल निलंबित
ऋतु खंडूडी ने बताया कि 32 पदों के लिए चल रही भर्ती में दागी एजेंसी के चयन के मामले में सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, इस मामले की जांच में यदि सिंघल दोषी पाए गए तो विभागीय कार्यवाई की जाएगी। दूसरी तरफ उन्हे नियम विरुद्ध पदोन्नति मामले की जांच भी अलग से चल रही है। फिलहाल सिंघल को अवकाश पर ही रखा गया है। वो जल्द ही सरकार से स्थायी सचिव की मांग करेंगी।

मैंने पहले ही कहा था कि मैं युवाओं को निराश नहीं होने दूंगी। इसके लिए मुझे कठोर निर्णय भी लेना पड़ा तो मैं संकोच नहीं करुंगी। इसी क्रम में कमेटी की संस्तुति के आधार पर नियम विरुद्ध हुई सभी तदर्थ नियुक्तियों को तत्काल निरस्त किया जा रहा है। इसके लिए शासन को पत्र लिखा जा रहा है। 2016 से पूर्व हुई निुयक्तियों पर भी कानूनी राय ली जा रही है।

फैसला आते ही फुट गए कर्मचारियों के आंसू
2016 के बाद नियुक्त सभी कमर्चारियों की नियुक्ति निरस्त किए जाने का फैसला सामने आते ही प्रभावित कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। विरोध की कमान महिला कर्मचारियों ने सम्भाली है। महिला कर्मचारियों ने तत्काल विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के कार्यालय के बाहर जमा होकर विरोध दर्ज करना शुरु कर दिया है।

JAN EXPRESS

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