शिमला । विश्वविद्यालय में डॉ केशव बलीराम हेडगेवार पीठ, हिमाचल प्रदेश विवि, शिमला द्वारा समिति कक्ष कुलपति कार्यालय में एक संगोष्ठी ‘जन्मजात देशभक्त डॉ केशव बलिराम हेडगेवार’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामाशीष, क्षेत्रीय संगठन मंत्री, प्रज्ञा प्रवाह (बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश) लेखक, संपादक, समाजसेवी रहे।
कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए रामाशीष जी ने कहा कि डॉ हेडगेवार जी भारतीय इतिहास के एक स्वतंत्रता सेनानी व युगपुरुष थे व बचपन से ही अंग्रेज़ी शासन के विरोध में उतर गये।पराधीनता के दौर में देश के सभी क्रांतिकारियों के साथ उनका संपर्क था। डॉ हेडगेवार जी मानते थे कि भारत वर्ष में पैदा हुआ हर एक व्यक्ति देशभक्त है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में असंख्य युवाओं का नेतृत्व भी किया व असहयोग आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए सभी को प्रेरित किया।
अंग्रेज़ी शासन के विरोध में विभिन्न भाषणों के लिए उन्हें राजद्रोह के मुक़दमे चलाए गये एक साल की सज़ा होने के कारण वह जेल भी गये। वे मानते थे कि जेल जाना देशभक्ति का प्रतीक है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. एन के शारदा पूर्व प्रति कुलपति, हि.प्र, विश्वविद्यालय शिमला ने कहा कि डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जन्मजात देश भक्त थे। उनमें इस देश के प्रति अनन्य श्रद्धा एवं निष्ठा थी। राजकुमार वर्मा, समाजसेवी रहे आपने कहा कि भारत भूमि देव भूमि जन्मभूमि, कर्मभूमि और मातृभूमि है। इस देश के प्रति अनन्य श्रद्धा भाव जागृत करने के लिए ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने की। हेडगेवार के पथ पर आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 36 से भी अधिक संगठन चल रहे हैं और वे समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। सचमुच संघ परिवार के द्वारा जम्मू कश्मीर के विस्थापित बच्चों के साथ मानवता के साथ-साथ सेवाभाव का दिग्दर्शन होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी के प्रति भेदभाव नहीं करता है। यदि आपको संघ को जानना है तो आप संघ की शाखा में आये तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य पद्धति को जानने का प्रयास करें ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. नागेश ठाकुर जी वरिष्ठ आचार्य भौतिकी विभाग ने की ।उन्होंने इस मौक़े पर कहा कि डॉ केशव बलीराम हेडगेवार जी का जन्म भारतीय इतिहास की एक सबसे महत्वपूर्ण घटना है। सामाजिक क्षेत्र के आज के सबसे बड़े संगठन को खड़ा करना आज भी शोध का विषय है। हेडगेवार जी एक ऋषितुल्य परंपरा के वाहक थे जिन्होंने राष्ट्रचिंतन करने वाले असंख्य कार्यकर्ताओं वाले संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की।
कार्यक्रम के संयोजक आचार्य मनोज चतुर्वेदी अध्यक्ष डॉ केशव बलीराम हेडगेवार पीठ,हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला रहे। इस अवसर पर भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के प्रोफेसर हरपाल सिंह, प्रोफेसर अल्पना त्रिवेदी, विजयलक्ष्मी, प्रोफेसर अरुण सिंह, प्रोफेसर हरि सिंह, प्रोफेसर पीके वैद्य, भारतीय शिक्षण मंडल के कौशल जी ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख माननीय महीधर जी ,विभाग प्रचारक माननीय मनोहर जी, मोतीलाल जी, कमल मोहर, प्रेमलता वगैरह उपस्थित थे।