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गीता हमें जीवन में जीने की कला सिखाती और मार्गदर्शन भी करती: कंवरपाल

यमुनानगर। स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि युवाओं के जीवन में एक अच्छे भौतिक निर्माण के साथ-साथ अच्छे संस्कारों का समावेश होना अत्यंत आवश्यक है। संस्कारों से दृष्टिकोण बनता है।

मंत्री कंवरपाल जगाधरी में गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कारों से दृष्टिकोण बनता है। युवाओं में अच्छे संस्कार उत्पन्न करने को लेकर हरियाणा में 1 सितंबर से नशा मुक्ति अभियान के तहत साइक्लोथॉन का आयोजन किया जा रहा है, जिसका समापन 25 सितंबर को होगा। इस साइकिल रैली के माध्यम से युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे उत्तम और मजबूत संस्कारों के कारण आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। सभी 22 जिलों में यात्रा करने के साथ ही साइक्लोथॉन से हरियाणा में नया इतिहास रचे जाने की आधारशिला रख दी गई है।

उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को समाज में अच्छे संस्कार मिलते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हरियाणा के कुरूक्षेत्र में गीता का उपदेश एकमात्र ऐसा उदाहरण है। जहां श्री कृष्ण युद्ध के मैदान में संस्कार की बात बता रहे हैं। गीता का यह उपदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना उस समय था। गीता हमे जीवन जीने की कला सिखाती है और जीवन में हमारा मार्गदर्शन करती है।

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