ग्रेटर नोएडा की लॉजिस्टिक हब परियोजना एक कदम और बढ़ी
दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मद्देनजर उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से दादरी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के साथ पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। वर्तमान में मुंबई, गुजरात आदि जगहों पर उद्योगों का माल जाने में चार से पांच दिन लगता है। एमएमएलएच परियोजना शुरू होने के बाद माल 24 घंटों से कम समय में पहुंच सकेगा। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे। वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का पहला स्टेशन न्यू दादरी ग्रेटर नोएडा में ही स्थित है। इस स्टेशन से एमएमएलएच को जोड़ने के लिए करीब 3 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण होना है। करीब 823 एकड़ में प्रस्तावित इस रेल लाइन को बनाने की कुल लागत करीब 858 करोड़ रुपये है। इसे बनाने की जिम्मेदारी डीएफसीसीआईएल को दी गई है।
आईआईटीजीएनएल ने इस परियोजना की डीपीआर को पहले ही अप्रूव कर दी है। अब डीएफसीसीआईएल ने भी इस परियोजना की डीपीआर को मंजूरी दे दी है। अब डीएफसीसीआईएल इसे बनाने वाली कंपनी का चयन करने के लिए टेंडर जल्द जारी करने जा रहा है। चयनित कंपनी ही इस रेलवे लाइन को बनाएगी। एमएमएलएच के रेल यार्ड में 16 प्लेटफॉर्म होंगे, जिनसे उद्योगों का माल आसानी से मालगाड़ियों में लोड हो सकेगा और अपने गंतव्य तक कम समय में पहुंच सकेगा। वहीं रेलवे लाइन के साथ ही लॉजिस्टिक हब को अमली-जामा पहनाने वाली कंपनी का चयन करने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से जल्द ही बिड निकाली जाएगी। करीब 2500 करोड़ रुपये की लॉजिस्टिक हब परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई भी लगभग पूरी हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ व आईआईटीजीएनएल की प्रबंध निदेशक रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को इसकी समीक्षा की।