दिल्ली/एनसीआर

ईडी के समन को नजरअंदाज करने का मामला, केजरीवाल की याचिका पर कल भी सुनवाई

नई दिल्ली । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट में दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में ईडी के समन को लगातार नजरअंदाज करने पर एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से समन जारी करने के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर कल यानी 15 मार्च को भी सुनवाई होगी। आज स्पेशल जज राकेश स्याल ने दोनों पक्षों की आंशिक दलीलें सुनीं।

आज सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि 16 मार्च को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया गया है। उन्होंने इस समन पर रोक लगाने की मांग की। गुप्ता की इस मांग का ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने विरोध करते हुए कहा कि 16 मार्च की पेशी का आदेश काफी पहले का है। तब गुप्ता ने कहा कि हम केवल पेशी से छूट चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि ये समनिंग ट्रायल है और इस मामले में अधिकतम सजा एक महीने की कैद या जुर्माना या दोनों है। गुप्ता ने कहा कि एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष जांच अधिकारी ने याचिका दायर की है न कि ईडी ने। जांच अधिकारी ने अपने व्यक्तिगत हैसियत से याचिका दायर की है। उन्होंने मनी लांड्रिंग कानून के अध्याय 8 का हवाला दिया। गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ आरोप है कि वे समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं हुए और इस तरह मनी लांड्रिंग कानून की धारा 174 का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि ईडी के एक अधिकारी ने समन जारी किया और दूसरे अधिकारी ने याचिका दायर की। गुप्ता ने कहा कि दो ही लोग याचिका दायर कर सकते हैं। पहला संबंधित व्यक्ति और दूसरा उसका वरिष्ठ। कोई भी वरिष्ठ अधिकारी याचिका दायर नहीं कर सकता है। ऐसे में याचिका मनी लांड्रिंग कानून की धारा 195 का उल्लंघन है। गुप्ता ने कहा कि हम केवल केजरीवाल की कोर्ट में पेशी से छूट की मांग कर रहे हैं। वे केजरीवाल को कोर्ट में बुलाकर केवल पब्लिसिटी लेना चाहते हैं।

इस पर राजू ने कहा कि हम पब्लिसिटी नहीं चाहते हैं। राजू ने कहा कि 7 फरवरी को आदेश दिया गया और याचिका दायर की गई 14 मार्च को। पेशी से एक दिन पहले। उन्होंने 17 फरवरी के आदेश को पढ़ते हुए कहा कि केजरीवाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए और कोर्ट को भरोसा दिया था कि वे 16 मार्च को पेश होंगे। राजू ने कहा कि केजरीवाल अंतरिम राहत के हकदार नहीं हैं। वे पेशी से बचने के लिए कभी कहते हैं कि उन्हें उद्घाटन करना है, कभी कहते हैं कि विपश्यना में जाना है। अगर एक आम आदमी ऐसा करता है तो क्या उसे इसकी अनुमति दी जा सकती है। राजू ने याचिका की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की। इस पर गुप्ता ने कहा कि सेशंस कोर्ट में एडवांस प्रति देने की बाध्यता नहीं है।

उल्लेखनीय है कि एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा की अदालत ने केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने का निर्देश दिया था। इसी आदेश को केजरीवाल ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है।

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