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हाईकोर्ट के स्थगन ने बाधित किया एयरपोर्ट के आईएलएस का कार्य

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लग रहे आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) में हाईकोर्ट का स्थगन आड़े आ रहा है। दरअसल उड़ान के लिए निर्धारित सरफेस एरिया की जद में आ रहे आठ भवन स्वामियों ने मुआवजा न प्राप्त होने पर हाईकोर्ट से स्थगन ले लिया है। कुल 49 किसानों के मकान जद में थे।

मकान नहीं हटने से आईएलएस लगाने का कार्य सिविल वर्क से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। दरअसल एयरपोर्ट पर प्रतिकूल मौसम में भी विमानों की आटो मोड में सुरक्षित लैंडिंग के लिए 547 किसानों की 30 एकड़ अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता पड़ी। भूमि खरीद के लिए शासन ने 23,8827,591 रुपये का बजट दिया था। 99 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। अतिरिक्त भूमि नरायनपुर, खोराबार, बेलवा दुर्गाराय, भलुही, परसहवां, नकहनी की कृषि योग्य भूमि व आबादी की भूमि शामिल है। प्रशासन ने भलुही मदारी पट्टी के स्थगन लिए किसानों से समझौता वार्ता कर उन्हें मनाने का प्रयास किया किंतु बात नहीं बनी। किसान हाईकोर्ट पहुंच गए। एयरपोर्ट और जिला प्रशासन हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है। तहसीलदार धर्मवीर सिंह ने बताया कि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। निरंतर पैरवी कर मामले का निस्तारण कराने का प्रयास किया जा रहा है। एयरपोर्ट निदेशक आर पी लंका ने बताया कि आईएलएस का सिविल वर्क चल रहा है। टेक्निकल कार्य के लिए मामले का निस्तारण होना जरूरी है। कोर्ट में एयरपोर्ट और जिला प्रशासन ने अपना पक्ष रखा है।

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