कैसे पहुंचेंगे घर, बसों के लिए मारामारी
हल्द्वानी: दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, देहरादून, से अलग अलग बसों से यात्री आने लगे। ज्यादातर यात्रियों को अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रानीखेत, देवीधुरा, गंगोलीहाट समेत अलग-अलग पर्वतीय इलाकों में जाना था। लेकिन स्टेशन में गिनी चुनी बस होने के चलते ज्यादातर यात्री तीन गुना दाम देकर ट्रैक्सी में अपने अपने गंतव्य स्थानों को गए।
तीन पानी से लौट रहीं यूपी की बसें
पुलिस ने बरेली रोड से आने वाली बसों को तीनपानी बाईपास से होते हुए रोडवेज स्टेशन पहुंचने का रूट निर्धारित किया है। यूपी रोडवेज की बसें बाईपास रूट से बस स्टेशन आने से बच रही हैं। जिसके चलते प्रयाग राज, मेरठ, मुजफ्फरनगर व बुलंदशहर की बसें हल्द्वानी स्टेशन पर नहीं पहुंचीं। जिसके चलते यात्री परेशान रहे।
दिल्ली रूट पर अतिरिक्त 12 बसें भेजीं
दिल्ली में यात्रियों की भीड़ देखते हुए शनिवार को रोडवेज ने 12 अतिरिक्त बसें दिल्ली को भेजी हैं। इसके अलावा 4 बसें देहरादून व तीन बसें बरेली के लिए भेजी हैं। रविवार को दिल्ली रूट पर बसों की संख्या बढ़ायी जाने की उम्मीद है।
दिवाली से पहले दो दिन पड़ी छुट्टी से भीड़
दिवाली सोमवार को है। जिसके चलते मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले शनिवार, रविवार अवकाश पड़ा। इसके बाद सोमवार को दिवाली की छुट्टी के चलते शहरों से यात्री शुक्रवार रात को बसों में बैठे। ये यात्री सुबह तड़के हल्द्वानी बस स्टेशन पहुंचे।
दिल्ली की बसें खड़ी, पहाड़ के लिए बस नहीं
हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन में दिल्ली की करीब आधा दर्जन से ज्यादा बसें खड़ी दिखीं। वहीं रानीखेत, अल्मोड़ा टनकपुर के यात्री बसों के इंताजार में घंटों खड़ी रहीं। दरअसल, पहाड़ पर रोडवेज छोटी बसें चलाता है। हल्द्वानी बस स्टेशन में करीब 10 बसें ही छोटी हैं इनमें भी घिसे हुए टायर हैं। जिसके चलते इनको चलाना काफी रिस्की है। इसका खामियाजा पहाड़ के यात्रियों को भुगतना पड़ा है। वहीं बरेली के लिए यूपी रोडवेज की बस के स्टेशन में पहुंचते ही यात्री उसके पीछे दौड़ते दिखे। रोडवेज किराया टैक्सी का किराया
अल्मोड़ा 170 650
पिथौरागढ़ 435 1100
रानीखेत 160 450
नैनीताल 85 300
बागेश्वर 295 750
दिल्ली से हल्द्वानी आने वाले यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा है। इसके चलते विभिन्न रूटों में कटौती कर दिल्ली-देहरादून रूट पर गाड़ियां बढ़ाई गई हैं। वहीं पर्वतीय रूट पर चलने वाली छोटी बसें कम हैं। इसलिए पर्वतीय रूट पर बसें नहीं बढ़ाई गई हैं। बावजूद इसके हमारी कोशिश है कि यात्रियों को असुविधा न हो।
दिवाली मानाने के लिए विभिन्न शहरों से आ रहे यात्रियों को हमेशा की तरह इस बार भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। दिल्ली, देहरादून से बस व ट्रेन से यात्री हल्द्वानी तो पहुंचे, लेकिन यहां से पहाड़ों पर जाने के लिए व्यवस्था नहीं थी।