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जमीनों के पारिवारिक झगडे़ निपटाने को हरियाणा में बनेगा कानून: मनोहर लाल

चंडीगढ़ । प्रदेश में पारिवारिक जमीनों के बंटवारे के झगड़ों के निपटान के लिए सरकार जल्द ही नया कानून बनाएगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह कानून इसलिए जरूरी हो गया है ताकि अदालतों में जमीनों के बंटवारे के झगड़े लंबित न रहें।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह खुलासा किया। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 100 गांव ऐसे हैं, जिनकी चकबंदी नहीं हुई है। इसके लिए भी एक वैज्ञानिक तरीके से चकबंदी करवाने की योजना तैयार की जा रही है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना लोकसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल तथा मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव भी मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि गुरुग्राम की तर्ज पर प्रदेश के अन्य जिलों को भी औद्योगिक व आर्थिक रूप से विकसित करने पर बल दिया जा रहा है। गुरुग्राम आज एक ग्लोबल सिटी और आईटी हब बन चुका है। दुनिया की 400 फॉर्च्यून कंपनियों के ऑफिस गुरुग्राम में हैं।

फरीदाबाद जिला भी अब आगे बढ़ रहा है। जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी होने से यहां औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है। इतना ही नहीं, हिसार में एयरपोर्ट शुरू होने से उस जिले में और अधिक प्रगति होगी। पंचकूला सेंट्रल लोकेशन पर है। चंडीगढ़ एयरपोर्ट का फायदा भी मिलता है। इसलिए सरकार ने जिले में विकास को बढ़ावा देने के लिए डेवलपर को आकर्षित करने के लिए ईडीसी/एडीसी की दरें कम की हैं। अब डेवलपर निवेश कर रहे हैं और जल्द ही पंचकूला भी एक आर्थिक राजधानी के रूप में उभरेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जन मानस की परेशानी को दूर करना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। इसलिए हम नई नई तकनीक का प्रयोग करते हैं और हमें सफलता मिलती है। आज परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लोगों को राशन कार्ड, पेंशन, आयुष्मान व चिरायु हरियाणा योजना इत्यादि का लाभ घर बैठे ही मिल रहा है। इसलिए हमनें पीपीपी को नई परिभाषा दी है।

नागरिकों की तकलीफों को और करीब से समझने के लिए जनसंवाद कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं का लाभ धरातल पर कितना पहुंच रहा है, इसका मूल्यांकन करना हैं। जनसंवाद के दौरान लोगों ने राज्य सरकार की योजनाओं और पारदर्शी व्यवस्था पर सहमति जताई है कि यह सब व्यवस्थाएं ठीक हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में किए आमूलचूल परिवर्तन

सरकार ‘5एस’ यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वाभिमान के लिए कार्य कर रही है। अब इसमें छठा ‘एस’ यानी सुशासन जोड़ दिया है। सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 2025 तक लागू करने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा क्षेत्र में हरियाणा कहीं भी पीछे नहीं है। स्कूलों में शिक्षा का स्तर और अधिक बढ़ाने के लिए संस्कृति मॉडल स्कूल खोले हैं। हमारा दसवीं और बारहवीं का रिजल्ट दिल्ली से भी अच्छा आ रहा है। सुपर-100 के अब 4 सेंटर संचालित हैं।

बेरोजगारी-कर्ज पर विपक्ष का गणित कमजोर

बेरोजगारी और कर्ज के आंकड़ों पर विपक्ष का गणित कमजोर है। बेरोजगारी के लिए वे उनकी मनचाही पत्रिका सीएमआईई को पढ़ते हैं। इसके आंकड़े सही नहीं हैं। कर्ज को लेकर भी विपक्ष को हिसाब किताब कैसे समझाया जाए, क्योंकि वो अपने समय का कर्ज का आंकड़ा यदि सही कर लेंगे तो उन्हें जवाब मिल जाएगा।

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