उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर शासन ने अपनायी सख्ती, 270 शिक्षामित्रों को किया जायेगा बर्खास्त

जन एक्सप्रेस/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शासन के शख़्त न होने की वजह से शिक्षा व्यवस्था में काफी लापरवाहियां चल रही थी। लेकिन अब शासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और 50 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित कर रहे 270 शिक्षामित्रों की सेवाओं को समाप्त करने के फैसला लिया है। शिक्षा महानिदेशक की ओर से इस संबंध में जारी आदेश की कॉपी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है।
संविदा समाप्त करने का निर्देश दिया
ये शिक्षामित्र अवैतनिक अवकाश लेकर पढ़ाई के बजाय दूसरे काम में लगे थे। महानिदेशक कंचन वर्मा ने इस बारे में 15 जनवरी को खबर का संज्ञान लेते हुए मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) से जांच कराई। जांच में मामला सही पाया गया। कंचन वर्मा ने लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर खीरी व रायबरेली में तैनात 270 शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने का निर्देश दिया है।
खंड विकास अधिकारियों के खिलाफ भी की जाएगी कार्यवाही
वर्मा ने लिखा है कि अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित चल रहे शिक्षामित्रों को तत्काल चिह्नित कर उन्हें नोटिस जारी किया जाए। शिकायत की पुष्टि होने पर 15 दिनों में उनकी संविदा समाप्त करने की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए। मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। दरअसल, शिक्षामित्रों को अवैतनिक अवकाश का नियम ही नहीं है। इसके बाद भी उनका अवकाश मंजूर होने की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में किसी खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत पाई गई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।