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फर्जी आधार कार्ड के साथ रह रहे लोगों की जांच का आदेश

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना के सीमाई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों को फर्जी आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र उपलब्ध कराने के आरोपों के बीच केंद्र ने जांच के आदेश दिए हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जताई है। सोमवार को राज्य सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब ममता ने खुद ही यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर और दक्षिण 24 परगना के कुछ खास क्षेत्रों में जहां विशेष समुदाय के लोग बहुसंख्यक हैं वहां आधार कार्ड जांच के निर्देश दिए गए हैं। इन लोगों के आधार कार्ड नहीं मिलेंगे तो उन्हें विदेशी घोषित कर हटाया जाएगा। ऐसा करने का क्या औचित्य है ? यह घुमा फिरा कर एनआरसी लागू करने की कोशिश है।

ममता ने एक बार फिर अडिग होकर कहा कि पश्चिम बंगाल में रहने वाला हर व्यक्ति यहां का नागरिक है और किसी को हटाने नहीं दिया जाएगा।

सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार से इस संबंध में पत्र मिला है जिसमें बताया गया है कि उत्तर और दक्षिण 24 परगना के निर्दिष्ट इलाके में आधार कार्ड जांचने की प्रक्रिया चलेगी। यह पूरी तरह से एक खास कम्युनिटी को भगाने की कोशिश है जिनके पास आधार कार्ड नहीं मिलेंगे उन्हें विदेशी घोषित किया जाएगा। ठीक असम में जैसा डिटेंशन कैंप बनाया गया था उसी तरह से यहां भी एनआरसी लागू करने की कोशिश हो रही है। बंगाल में इसे किसी भी सूरत में लागू नहीं होने दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है राज्य के उत्तर 24 परगना में बारासात, गोबरडांगा, हाबरा, अशोकनगर, संदेशखली, बगदा, पेट्रोपोल, नैहाटी, रहरा, खरदह, निमता, दमदम, न्यू बैरकपुर, बैरकपुर, बगुईआटी, लेकटाउन, साल्ट लेक, न्यूटाउन का नाम है।

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