ओडिशा की जनता इस बार परिवर्तन चाह रही, बनेगी बीजेपी की सरकार : डिप्टी सीएम साव
रायपुर । ओडिशा से चुनाव प्रचार कर वापस रायपुर लौटे उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने आज शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, ओडिशा में 24 साल से नवीन पटनायक की सरकार है, लेकिन जनता परेशान है। चारों ओर भ्रष्टाचार का वातावरण है। लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। माता बहनों की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है इसलिए ओडिशा की जनता इस बार परिवर्तन चाह रही है।
डिप्टी सीएम साव ने कहा कि, ओडिशा में भाजपा की सरकार बनने वाली है। छत्तीसगढ़ की योजनाओं का ओडिशा में चर्चा को लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, ओडिशा हमारा पड़ोसी राज्य है, यहां छत्तीसगढ़ की योजनाओं की चर्चा बहुत है।
आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल घटना पर अरुण साव ने कहा, अभी हमने देखा कि कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में किस तरह से एक बेटी के साथ अपमानजनक व्यवहार हुआ। अब केजरीवाल के निवास पर राज्यसभा के सांसद जैसे सम्माननीय पद को धारण करने वाली बेटे के साथ अपमानजनक स्थिति हुई है। यह ये बताता है कि इंडी गठबंधन वाले लोग माताओं बहनों का कितना सम्मान करते हैं। चाहे राधिका खेड़ा की बात हो या स्वाति मालीवाल, पार्टी ही इनके साथ खड़े नहीं होती। ये अत्यंत दुर्भाग्य जनक है। स्वाति मालीवल जी के साथ आप पार्टी षड्यंत्र कर रही है।
कांग्रेस के वनवासी कल्याण आश्रम को भाजपा की शरणस्थली बताने पर डिप्टी सीएम साव ने कहा, ये कांग्रेस की मानसिक स्थिति को दर्शाता है। पांच साल में कुछ नहीं दिखा। पांच साल में नक्सलियों को पाला पोसा। अब कांग्रेस सत्ता से बाहर है।अब करवाई हो रही तो दर्द हो रहा है. ये नक्सलियों से कांग्रेस के संबंध को दर्शाता है।
भाजपा के वास्तुदोष वाले पोस्टर पर डिप्टी सीएम साव ने कहा, जब से कांग्रेस पार्टी को जनता ने अपदस्थ किया है, शासन से कांग्रेस के नेता अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं। चाहे वो नक्सलवाद या अन्य विषय हो। लोकसभा चुनाव में भी करारी शिकस्त कांग्रेस को मिलने वाली है, जिस तरह की बयानबाज़ी कांग्रेस कर रही है ये इनके मस्तिष्क दोष की दिशा में संकेत करता है। छत्तीसगढ़ में योजनाओं का नाम बदलने पर अब बवाल मचा है।
राजीव गांधी भूमिहीन मजदूर योजना का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा। इस पर कांग्रेस के आरोपों पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा, कांग्रेस सरकार ने 5 साल में नाम बदलने के अलावा कोई काम नहीं किया।