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रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर की ये मांग…..

नई दिल्ली:  पैसे लेकर प्रश्न पूछने के आरोप में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली लोकसभा आचार समिति की रिपोर्ट सोमवार (4 दिसंबर) को संसद के निचले सदन में पेश की जाएगी. इसके पहले कांग्रेस के सांसद ने समिति की कार्यवाही की समीक्षा की मांग की है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर लोकसभा से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इस बारे में पत्र लिखा है.

उन्होंने कहा कि सदन से निष्कासन की कार्रवाई बड़ी सजा है. महुआ के खिलाफ एक्शन लेने के मामले में क्या स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर का पालन हुआ है और क्या रुपये लेने के बारे में मनी ट्रेल को स्थापित किया जा सका है?

क्या होगी कार्रवाई?

लोकसभा सचिवालय की ओर से प्रसारित एजेंडा पेपर के अनुसार आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर समिति की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे. समिति ने 9 नवंबर को छह-चार के बहुमत से पैसे लेकर प्रश्न पूछने के आरोप में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट को स्वीकार किया था. अगर इसे लागू किया गया तो महुआ की संसद सदस्यता खत्म हो सकती है.

विपक्ष के सांसद भी महुआ को बर्खास्त करने के पक्ष में
आपको बता दें कि महुआ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विपक्ष के संसद सदस्य ने भी समर्थन किया था. विपक्षी दलों के चार सांसदों ने असहमति में वोट दिया, लेकिन कांग्रेस सांसद परणीत कौर ने मोइत्रा की सदस्यता रद करने के पक्ष में मतदान किया था. परणीत कांग्रेस से निलंबित हैं.

पहले भी ऐसे आरोप में निलंबित हुए हैं सांसद
इसके पहले वर्ष 2005 में पैसे लेकर प्रश्न पूछने के आरोप में 11 सांसदों की सदस्यता खत्म की गई थी. संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और 22 दिसंबर तक चलेगा. इस बीच महुआ मोइत्रा पर कार्रवाई को लेकर फैसला होगा.

महुआ पर हैं ये है आरोप
आपको बता दें कि महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रइ ने मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था. इस संबंध में जांच के लिए उन्होंने CBI के महानिदेशक को पत्र भेजा, जिसके साथ उन्होंने कई साक्ष्य शामिल किए थे. देहाद्रइ की शिकायत के आधार पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया कि हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से ‘कैश और महंगे तोहफो को लेकर’ संसद में सवाल पूछती हैं.”

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